नई दिल्ली। मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2024) के त्योहार को लेकर लोगों के मन में ये प्रश्न जरूर उठता है कि इस दिन चूड़ा तिलकुट या फिर गुड़ बादाम क्यों खाया जाता है। रांची के ज्योतिष आचार्य व पंचवटी प्लाजा स्थित अग्रवाल रतन के ज्योतिष आचार्य संतोष कुमार चौबे ने इसका महत्व बताया है।
दरअसल, ज्योतिष आचार्य संतोष कुमार चौबे के अनुसार, शास्त्र में इसका विशेष महत्व है। विशेष रूप से मकर संक्रांति के दिन सूर्य भगवान की उपासना की जाती है। इस दिन सूर्य भगवान को तिल, गुड़, चूड़ा, दही जैसी चीजें चढ़ाई जाती है। माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन इन चीजों का सेवन करना भी काफी फायदेमंद माना जाता है। इससे शरीर में गर्माहट आती है। मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2024) का त्योहार ठंड के महीने में होता है इसलिए ये चीज़ें शरीर में जान फूंकने का काम करती हैं।
रांची के ही आयुर्वेदिक डॉक्टर वीके पांडे का कहना है कि तिल, गुड़ व चूड़ा खाने के कई फायदे हैं। गुड़ में मैग्नीशियम व फास्फोरस जैसी चीजें पाई जाती है। ये शरीर में एनीमिया को रोकने का काम करती हैं। जबकि, सफेद तिल में भारी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। जिससे हड्डी मजबूत होती है और गठिया जैसे रोगों में भी काफी आराम मिलता है।
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इसके अलावा चूड़ा में प्रोटीन व कर्बस की अच्छी मात्रा होती है। इसे खाने से लंबे समय तक पेट भरा रहता है और वजन भी कंट्रोल में रहता है। इसमें कैलरी की मात्रा बेहद कम होती है। जिसे खाने से शरीर में गर्माहट आती है। यही कारण है कि इसे सूर्य भगवान को भी अर्पित कर इसकी पूजा की जाती है। ये सभी चीज़ें इस सीजन में आती है साथ ही काफी शुद्ध भी मानी जाती हैं। इसी कारण मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2024) के दिन इनका सेवन करना शुभ होता है।
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