नई दिल्ली. देश भर में मकर संक्राति का त्योहार अक्सर 14 जनवरी को मनाया जाता है. लेकिन इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी के बजाय 15 जनवरी को मनाई जाएगी. 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाए जाने के दो कारण हैं. पहला कारण इस साल प्रयागराज में कुंभ 15 जनवरी से शुरू हो रहा है. दूसरा कारण सूर्य धनु राशि से मकर राशि में देर रात प्रवेश करेगा. इसी के चलते साल 2019 में होने वाली मकर संक्रांति 14 जनवरी के बजाय 15 जनवरी को मनाई जाएगी.
ऐसा माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन खरमास समाप्त हो जाते हैं और शुभ कार्यो की शुरआत की जाती है. खरमास में शुभ कार्यों की मनाही होती है इस दौरान मांगलिक कार्य करना शुभ नहीं माना जाता है. हिंदू परंपरा के अऩुसार मकर संक्रांति के दिन संगम में स्नान करना शुभ माना जाता है. इसलिए इस दिन प्रयागराज जाकर लाखों की संख्या में लोग भक्ति और श्रद्धा के साथ स्नान करते हैं. लेकिन इस साल मकर संक्रांति मनाने के लिए एक दिन इंतजार करना होगा.
मकर संक्रांति का त्योहार लोहड़ी के एक दिन बाद मनाया जाता है. मकर संक्रांति के बाद ही देश में त्योहारों और शुभ कार्यों का सिलसिला शुरू हो जाता है. मकर संक्राति में सू्र्य के दक्षिणायन से उत्तरायण तक का सफर काफी महत्व रखता है. ऐसी मान्यता है कि सूर्य को उत्तरायण होने की स्थिति में ही शुभ कार्य किए जाते हैं. बता दें जब सूर्य मकर, कुंभ, वृष और मिथुन राशियों में रहता है तो इसे सूर्य का उत्तरायण होना कहा जाता है. इनके अलावा जब सूर्य सिंह, कन्या, कर्क, तुला वृच्छिक और धनु राशि में रहता है तो इसे सूर्य का दक्षिणायन होना कहा जाता है.
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