Advertisement

Mahashivratri 2024 Date: कब है साल 2024 में महाशिवरात्रि ? जानें तिथि, पूजा मुहूर्त और विधि

नई दिल्ली: फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि(Mahashivratri 2024 Date) मनाई जाती है। महाकाल के भक्तों के लिए महाशिवरात्रि का त्योहार बहुत महत्वपूर्ण होता है। हर साल शिव के भक्तों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है। ये दिन शिव और शक्ति के मिलन का दिन है। महाशिवरात्रि, शिव […]

Advertisement
Mahashivratri 2024 Date: कब है साल 2024 में महाशिवरात्रि ? जानें तिथि, पूजा मुहूर्त और विधि
  • January 6, 2024 6:26 pm Asia/KolkataIST, Updated 12 months ago

नई दिल्ली: फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि(Mahashivratri 2024 Date) मनाई जाती है। महाकाल के भक्तों के लिए महाशिवरात्रि का त्योहार बहुत महत्वपूर्ण होता है। हर साल शिव के भक्तों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है। ये दिन शिव और शक्ति के मिलन का दिन है। महाशिवरात्रि, शिव पूजा के लिए श्रेष्ठ दिन माना गया है।

महाशिवरात्रि 2024 की तिथि

जानकारी दे दें कि 8 मार्च 2024 को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। इस दिन सुबह(Mahashivratri 2024 Date) से लेकर रात्रि जागरण कर शिव पूजा का विधान है। दक्षिण भारतीय पञ्चाङ्ग के मुताबिक, माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन महा शिवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है। उत्तर भारतीय पञ्चाङ्ग के मुताबिक, फाल्गुन माह में आने वाली मासिक शिवरात्रि को महा शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है।

महाशिवरात्रि 2024 मुहूर्त

पंचांग के मुताबिक फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि 8 मार्च 2024 को रात 09:57 से अगले दिन 09 मार्च 2024 को शाम 06.17 मिनट तक होगी। दरअसल, शिवरात्रि की पूजा अक्सर रात में होती है इसलिए इसमें उदयातिथि देखना जरुरी नहीं है।

– निशिता काल का मुहूर्त :- प्रात: 12.07 – प्रात: 12.55 – 9 मार्च 2024
– व्रत पारण समय :- सुबह 06.37 – दोपहर 03.28 – 9 मार्च 2024

2024 महाशिवरात्रि चार प्रहर मुहूर्त

– रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय :- शाम 06:25 – रात 09:28
– रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय :- रात 09:28 – 9 मार्च, प्रात: 12.31
– रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय :- प्रात: – 12:31 – प्रात: 03.34
– रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय :- प्रात: 03:34 – प्रात: 06:37

महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है

बता दें कि दो महत्वपूर्ण कारणों से महाशिवरात्रि का पर्व विशेष है। पहली मान्यता यह है कि इस तिथि पर महादेव ने वैराग्य जीवन छोड़कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था। इस दिन शिव जी और माता पार्वती का विवाह हुआ था। वहीं दूसरी मान्यता मुताबिक महाशिवरात्रि के दिन शिवजी पहली बार प्रकट हुए थे। शिव का प्राकट्य ज्योतिर्लिंग यानी अग्नि के शिवलिंग के रूप में था और महाशिवरात्रि के दिन ही शिवलिंग 64 अलग अलग जगहों पर प्रकट हुए थे। ऐसी मान्यता है इस दिन शिव पूजा करने से समस्त संकट दूर हो जाते हैं।


यह भी पढ़े: 

Advertisement