Mahashivratri 2020 Shubh Yog: महाशिवरात्रि 2020 पर बन रहा ये खास शुभ योग, ऐसे करें भोलेनाथ की भक्ति

Mahashivratri 2020 Shubh Yog: महाशिवरात्रि इस बार 21 फरवरी को मनाया जा रहा है. इस त्योहार पर भगवान शिव भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा की जाती है. ज्योतिष शास्त्र की मानें तो इस बार महाशिवरात्रि पर विशेष योग बन रहा है जिसका फायदा बड़े स्तर पर आपको मिल सकता है.

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Mahashivratri 2020 Shubh Yog: महाशिवरात्रि 2020 पर बन रहा ये खास शुभ योग, ऐसे करें भोलेनाथ की भक्ति

Aanchal Pandey

  • February 19, 2020 3:08 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. Mahashivratri 2020 Shubh Yog: महाशिवरात्रि का त्योहार 21 फरवरी को धूमधाम से मनाया जाएगा. यूं तो शिवरात्रि का पर्व हर माह बनाया जाता है, लेकिन फाल्गुन मास में आने वाली इस महाशिवरात्रि का खास महत्व माना गया है. महाशिवरात्रि हिन्दुओं का एक ऐसा त्योहार है जिसको बड़ी उत्साह और बड़ी खुशी के साथ मनाया जाता है. महाशिवरात्रि मनाने के पीछे का कारण बताया गया है कि इस दिन शिव भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती का विवाह हुआ था. इसी वजह से इस दिन को उत्सव के तौर पर मनाया जाता है. महाशिवरात्रि के दिन आपको मन्दिरों में देखने को मिलेगा कि शिव भगवान के सच्चे भक्त पूरी रात जागते हैं और शंकर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए व्रत भी रखते हैं.

क्या है महाशिवरात्रि पर शश योग
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, महाशिवरात्रि पर इस बार शश योग बन रहा है. महाशिवरात्रि के मौके पर पांच ग्रहों की पुनरावृत्ति होने के साथ कुंभ राशि में बुध, मीन राशि में शुक्र, धनु राशि में गुरु, मकर राशि में शनि और चंद्र रहेंगे. बताया जा रहा है कि करीब 59 साल पहले ऐसा योग महाशिवरात्रि के दिन बना था. इस दिन योग में साधना सिद्घी करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. शुभ कार्यों के लिए यह योग काफी संपन्न माना जा रहा है.

महाशिवरात्रि का महत्व
बहुत सी कथाओं में इस बात की जानकारी मिलती हैं कि दिन शिव भगवान और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इसलिए फाल्गुन कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्दशी को शिव और शक्ति के उत्सव के रूप में लोग मनाते हैं. मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन शिवजी पहली बार धरती पर प्रकट हुए थे. उनका यह रूप अग्नि के शिवलिंग के रूप में प्रकट हुआ. इस शिवलिंग का न आदि था और न ही अंत.

इसी कारण लाखों कोशिशों के बावाजूद भी इसके आधार और ऊपरी भाग को ढूंढ़ने में ब्रह्नमा और भगवान विष्णु दोनों को ही सफलता नहीं मिली. महाशिवरात्रि को लेकर एक कथा भी प्रचालित है कि इस दिन शिवलिंग 64 जगहों पर प्रकट हुए थे जिसमें से केवल 12 ज्योतिर्लिंग के बारे में ही सब जानते हैं. और दीपस्तंभ इसलिए लगाते हैं क्योंकि शिवजी के अग्नि वाले अनंत लिंग का इस दिन अनुभव किया जा सके.

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