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महाकुंभ 2025: अघोरी और साधु बाबा के लंबे बाल रखने के पीछे क्या है वजह

प्रयागराज में इस साल आयोजित होने वाले महाकुंभ को शुरू होने में अब केवल 8 दिन बाकी हैं। यह भव्य आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा। सोशल मीडिया पर पहले ही उनकी तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिनमें साधुओं की लंबी जटाएं और बड़े जूड़े देखे जा सकते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि साधु-संत अपने बाल लंबे क्यों रखते हैं?

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Mahakumbh 2025 prayagraj
  • January 6, 2025 1:27 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 day ago

नई दिल्ली: प्रयागराज में इस साल आयोजित होने वाले महाकुंभ को शुरू होने में अब केवल 8 दिन बाकी हैं। यह भव्य आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा। इसमें देश-विदेश से करीब 1 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। खासकर, साधु-संतों की बड़ी संख्या महाकुंभ की शोभा बढ़ाएगी। सोशल मीडिया पर पहले ही उनकी तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिनमें साधुओं की लंबी जटाएं और बड़े जूड़े देखे जा सकते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि साधु-संत अपने बाल लंबे क्यों रखते हैं?

धार्मिक महत्व

हिंदू धर्मग्रंथों और पुराणों में साधु-संतों के लंबे बाल रखने का वर्णन मिलता है। इसे आध्यात्मिक ऊर्जा और तपस्या का प्रतीक माना गया है। मान्यता है कि बालों में ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रवाह होता है, जो साधु के मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाता है। भगवान शिव के जटाजूट को आदर्श मानते हुए कई साधु उनकी भक्ति में अपने बालों को लंबा रखते हैं। यह शिवभक्तों की गहरी आस्था का प्रतीक भी है।

आध्यात्मिक मान्यता

आध्यात्मिक रूप से माना जाता है कि लंबे बाल आत्मा और शरीर के बीच संतुलन बनाए रखते हैं। साधु बालों को प्रकृति का हिस्सा मानते हैं और इसे काटने से बचते हैं। उनके अनुसार, यह उनकी साधना और तपस्या को मजबूत करता है और उन्हें सांसारिक मोह-माया से दूर रहने में मदद करता है।

तपस्या और ध्यान का प्रतीक

साधुओं के लंबे बाल रखने का एक कारण उनकी तपस्या और ध्यान भी है। साधु अक्सर पहाड़ों और शांत स्थानों पर जाकर साधना में लीन हो जाते हैं। वे सांसारिक चीजों से परे होते हैं, जिससे बालों की देखभाल उनके लिए प्राथमिकता नहीं रहती। वहीं समय के साथ उनके बाल बढ़ते हैं और प्राकृतिक जटाओं का रूप ले लेते हैं। बता दें प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियां जोरों पर हैं। साधु-संतों का आगमन पहले ही शुरू हो चुका है। श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बनने के लिए उत्साहित हैं।

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