Maha Shivratri 2020 Jalabhishek Date Time: हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से महाशिवरात्रि के त्योहार पर भगवान शिव की पूजा- अराधना का विधान है. हम आपको बता रहे हैं महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त, जलाभिषेक का समय और पूजा विधि.
नई दिल्ली. महाशिवरात्रि का त्योहार हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है. इस बार महाशिवरात्रि 21 फरवरी को पड़ रही है. सोमवार का दिन शिव भगवान की अराधना का दिन कहा जाता है. इसी अनुसार मासिक शिवरात्रि भी मनाई जाती है. शिवरात्रि का पर्व फाल्गुन और श्रावण यानी साल में दो बार मनाया जाता है.
महाशिवरात्रि के दिन भक्त पूरे विधि विधान के अनुसार शंकर भगवान की पूजा- अर्चना करते हैं. साथ ही भोलेनाथ के नाम का व्रत करते हैं. मान्यता है कि अगर भोलेनाथ अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाएं तो उनकी सभी परेशानियां दूर कर देते हैं और अपनी कृपा उनपर बरसाते हैं. अगर आप भी शिव भक्त हैं तो नीचे पढ़िए महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त, जलाभिषेक और पूजा विधि.
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार 21 फरवरी को श्रवण नक्षत्र में होने वाली महाशिवरात्रि काफी शुभ और फलदायक है. त्रियोदशी का जलाभिषेक 20 फरवरी रात 8. 10 से शुरू होकर 21 फरवरी शाम 5.21 तक चलेगा. शाम 5. 21 के बाद चतुर्दशी का जलाभिषेक शुरू हो जाएगा जो 22 फरवरी शाम 7.02 तक चलेगा.
महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त 21 फरवरी की शाम 5. 20 से शुरू होकर 22 फरवरी शाम 7. 2 मिनट तक रहेगा. रात की पूजा शाम 6.41 से शुरू होकर रात 12 बजकर 52 मिनट पर होगी. शिवरात्रि में जो रात्रि का समय है उसमें चार पहर की पूजा का विधान है.
शिवरात्रि को शिव जी को पंचामृत से स्नान कराएं. केसर के 8 लोटे से जल चढ़ाएं. पूरी रात दीपक जलाएं. चंदन का तिलक लगाएं. तीन बेलपत्र, भांग धतूर, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मीठा पान, मिष्ठान, इत्र व दक्षिणा जरूर चढ़ाएं. आखिरी में केसर युक्त खीर का भोग लगाकर प्रसाद को बांट दें. पूजा में सामग्री चढ़ाते हुए ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् भवानीपतये नमो नमः का जाप करें.
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