Maha Shivaratri 2018: महादेव को प्रसन्न करने के अचूक उपाय, इस तरह करें भोलेनाथ का जलाभिषेक

इस बार महाशिवरात्रि 14 फरवरी को है. इस दिन देवों के देव महादेव की पूजा अर्चना की जाती है. आचार्य नंदिता पांडे बता रही हैं कि शिवरात्रि पर कैसे भोलेनाथ को खुश करें. इसके अलावा कौन से पदार्थ के शिवलिंग की पूजा करें जिससे आपकी मनोकामनाए जल्द पूरी होगी. आचार्य नंदिता पांडे जी बता रही हैं कि शिव जी की पूजा कैसे की जाती हैं. साथ ही साथ इसमें आपको ये भी बताया गया है कि शिवलिंग पर किस चीज का अभिषेक करें की आपके रुके हुए कार्य पूर्ण हों.

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Maha Shivaratri 2018: महादेव को प्रसन्न करने के अचूक उपाय, इस तरह करें भोलेनाथ का जलाभिषेक

Aanchal Pandey

  • February 6, 2018 4:33 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. इस बार महाशिवरात्रि 14 फरवरी को है. इस दिन देवों के देव महादेव भोलेनाथ की पूजा अर्चना की जाती है. माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव ने समुद्र मंथन के दौरान कालकूट नाम विष को धारण किया था,  इसीलिए भोलेनाथ को नीलकंठ कहा जाता है. इसी के साथ मान्यता है कि इसी दिन मां पार्वती की शादी और शिवलिंग की उत्पति भी आज के दिन ही हुई थी. ये दिन ज्योतिषी दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण होता है. इसीलिए आज के दिन शुभ मुहूर्त और व्रत करना आवश्यक होता है.

शिवरात्रि इस बार 13 तारीख को शुरू होगी और 14 फरवरी तक रहेगी. शवरात्रि पर भोलेनाथ को खुश करने के लिए पानी में तिल डाल कर स्नान करें. मशहूर आचार्य नंदिता पांडे बता रही हैं कि शिवरात्रि पर भोलेनाथ को कैसे प्रसन्न करें. ऐसा करने के लिए भोलेनाथ को क्या अर्पित न करें. इसके लिए कुछ भी हो आपको केतकी के फूल नहीं चढ़ाने हैं. साथ ही भोलेनाथ को कभी भी नारियल का पानी नहीं चढ़ाना चाहिए.

जैसा कि सभी जानते हैं कि अच्छा वर और शादी संबंधी परेशानी के लिए भोलेनाथ की पूजा की जाती है. जिस भी व्यक्ति की शादी नहीं हो रही तो उसे इस व्रत को अवश्य करना चाहिए. साथ ही व्रत व पूजा के दौरान शिवजी जी के मंत्रों का उच्चारण करें. ऐसे करने से विवाह हो जाएगा व वैवाहिक जीवन खुशियों से भर जाएगी.

भगवान शिव की पूजा के साथ भगवान गणेश, विष्णुजी और सूर्य पूजन करना चाहिए. भोलेनाथ की पूजा के अंत में क्षमा याचना अवश्य करें. भगवान शिव की पूजा के अंत में आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम् मंत्र का उच्चारण करें. मशहूर आचार्य नदिंता के अनुसार प्रदोष काल में शिवजी को जल अर्चन करना चाहिए. रात्रि के पहले पहर में भोलेनाथ पर जल से अभिषेक करना चाहिए. रात्रि के दूसरे पहर में दही से, रात्रि के तीसरे पहले में घी से और रात्रि के चौथे पहर से शहद से अभिषेक करना चाहिए.

मनोकामना के अनुसार करें भगवान शिव का जलाभिषेक

. किस्मत चमकाने के लिए गंगाजल से भोलेनाथ का जलाभिषेक करें.

. घर में सुख शांति और धन-धान्य के लिए दूध से जलाभिषेक करना चाहिए.

. वैभव, भोग की प्राप्ति के लिए सुंगधित तेल से भोलेनाथ का जलाभिषेक करना चाहिए.

. दुश्मनों से पीछा छुड़वाने के लिए सरसो के तेल से भगवान शिव का जलाभिषेक करना चाहिए.

. बुद्धि व समझ का विकास करने के लिए दूध में मीठा मिलाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करना चाहिए.

. संतान प्राप्ति के लिए घी से शिवजी का जलाभिषेक करना चाहिए.

. मनवांछित फल प्राप्त करने के लिए पंचामृत से जलाभिषेक करना चाहिए.

. सफलता पाने के लिए जलाभिषेक करना चाहिए

अपनी मनोकामना को पूरी करने के लिए विशेष शिवलिंग बनाकर ही करें पूजा

. पार्थिव मिट्टी से शिवलिंग बनाकर पूजा करने से सर्वकार्य सिद्धि होती है.

. गुड़ के शिवलिंग बनाकर पूजा करने से प्रेम पाने में आसानी होती है.

. सर्वसुख प्राप्ति के लिए भस्म मिट्टी से शिवलिंग बनाकर पूजा करें.

. संतान सुख के लिए चावल का आटा, जौ का आटे से शिवलिंग बनाकर पूजा करें.

. ऐश्वर्य पाने के लिए दही को सुखा कर शिवलिंग बनाएं.

. मोक्ष की प्राप्ति के लिए कांसे या पीतल का शिवलिंग बनाएं.

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