Magh Month 2024: कब से होगा माघ माह शुरू ? जानें नियम, डेट और महत्व

नई दिल्ली: पौष पूर्णिमा के बाद हिंदू कैलेंडर का 11वां महीना माघ शुरू हो जाता है। ये महीना पहले माध का महीना कहलाता था “माध” जिसका मतलब है कि श्री कृष्ण के एक स्वरूप(Magh Month 2024) “माधव” से इसका संबंध है। ऐसी मान्यता है कि माघ मास में किए गए कार्यों का फल कई जन्मों […]

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Magh Month 2024: कब से होगा माघ माह शुरू ? जानें नियम, डेट और महत्व

Janhvi Srivastav

  • January 17, 2024 4:49 pm Asia/KolkataIST, Updated 10 months ago

नई दिल्ली: पौष पूर्णिमा के बाद हिंदू कैलेंडर का 11वां महीना माघ शुरू हो जाता है। ये महीना पहले माध का महीना कहलाता था “माध” जिसका मतलब है कि श्री कृष्ण के एक स्वरूप(Magh Month 2024) “माधव” से इसका संबंध है।

ऐसी मान्यता है कि माघ मास में किए गए कार्यों का फल कई जन्मों तक मिलता है। यही कारण है कि माघ महीने में श्रीकृष्ण, गंगा स्नान, सूर्य देव की पूजा, जरुरतमंदों को दान देने का विशेष महत्व है। चलिए जानते हैं कि माघ माह 2024 में कब शुरू हो रहा है और क्या है इसका महत्व।

2024 में कब शुरू होगा माघ माह

बता दें कि माघ महीना 26 जनवरी 2024 से शुरू हो रहा है। जिसकी समाप्ति 24 फरवरी 2024 को माघ पूर्णिमा पर होगी। इस दौरान प्रयागराज में संगम तट पर गंगा स्नान करने का विधान है। एक माह तक लोग यहां कल्पवास करते हैं।

माघ महीने में गंगा स्नान का महत्व

जानतारी दे दें कि पद्मपुराण में माघ मास के महत्व की जानकारी देते हुए कहा गया है कि श्रीहरि विष्णु को पूजा से उतनी प्रसन्नता प्राप्त नहीं होती जितनी इस माह में गंगा स्नान से वह खुश होते हैं। पौराणिक कथा के मुताबिक माघ मास में गौतम ऋषि ने इंद्रदेव को श्राप दिया थे। इंद्र ने पार्यश्चित करने के लिए इसी माह में गंगा स्नान इसके बाद इंद्रदेव को(Magh Month 2024) श्राप से मुक्ति मिल गई थी।

माघ महीने के नियम

– माघ माह में गुड़, कंबल, घी, अन्न, वस्त्र, तिल, गीता, गेहूं, जल का दान, सोना दान करने के समान माना गया है।
– माघ में देर रोजाना स्नान करें, तक न सोए, तला भोजन न खाएं, बिस्तर का त्याग कर जमीन पर सोएं।
– माघ मास में रोज कान्हा की पूजा करनी चाहिए। हर रोज मधुराष्टक का पाठ करने से दोष समाप्त होते है और वहीं गीता पाठ करने से घर में सुख-शांति आती है।
– इस दिन तिल का 6 तरीके उपयोग करना चाहिए। तिल से स्नान, दान, उबटन लगाना, तिल से हवन, सेवन, तिल का भोग लगाएं। पुराणों के मुताबिक ऐसा करने पर ऐश्वर्य, आरोग्य, धन प्राप्त होता है।

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