मृत्यु से पहले एक व्यक्ति को अपने जीवन में किए पाप को धोना पड़ता है. ऐसे में श्रीमद्भागवत गीता में भगवान कृष्ण ने कई नीतियों के उपदेश दिए हैं. अगर मनुष्य जीवन में ये काम करता है तो उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है. उसके द्वारा किए गए सभी पाप माफ हो जाते हैं और कलयुग में भी उसका जीवन आसान हो जाता है.
नई दिल्ली. आज के समय में व्यक्ति अपनी सफलता और सुख-सुविधाओं के सामने खुद के द्वारा जीवन में किए गए पापों को भूल जाता है. दरअसल माना जाता है कि अगर स्वर्ग पाना चाहते हैं तो मृत्यु से पहले एक व्यक्ति को अपने जीवन में किए पाप को धोना पड़ता है. ऐसे में श्रीमद्भागवत गीता में भगवान कृष्ण ने कई नीतियों के उपदेश दिए हैं. इन्हीं में से एक श्लोक की माने तो अगर मनुष्य जीवन में ये चार काम करता है तो उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है. उसके द्वारा किए गए पाप माफ हो जाते हैं और नर्क से बच जाते हैं. आइए जानते इन जरूरी कर्यों के बारे में.
सत्य का सार्थी होना
अक्सर आपने देखा होगा की आज के इस कलयुगी समाज में सच और झूठ का पता लगाना बेहद मुश्किल है. किसी भी व्यक्ति की वाणी से यह साफ नहीं हो पाता की वह सत्य बोल रहा है या सच. ऐसे में अगर आपने में जीवन में कुछ गलत काम किए हैं तो अपने शेष जीवन में सत्य बोलकर अपने पापों का प्रायश्चित कर सकते हैं.
दान करना
हिंदू धर्म में दान-पान को काफी जरूरी माना गया है. दान का अर्थ होता है किसी जरूरतमंद को कोई भी जरूरत की चीड बिना शुल्क मुहैया कराना. कहा जाता है कि दान करने से पहले या बाद में किसी को कुछ नहीं बताना चाहिए और गुप्त रूप से ही दान देना चाहिए. दान देने से आपके जीवन में हल्कापन आता है.
आत्म संयम
आत्म संयम बेहज जरूरी माना जाता है. कई बार हमारा दिमाग और मन दो अलग दिशाओं में चलने लगता है और हम अधर्म कर देते हैं. भागवत गीता में दिए गए उपदेशों के अनुसार अपने मन को वश में करने ले व्यक्ति द्वारा पाप करने की संभावना बेहद कम हो जाती है और मनुष्य अधर्म करने से बच जाता है.
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