नई दिल्ली: भगवान कल्कि को भगवान विष्णु का दसवां अवतार कहा जाता है. हिंदू धर्मग्रंथों के मुताबिक कहा जाता है कि भगवान विष्णु के दस अवतार थे, जिनमें से 9 का जन्म हो चुका है और 10वें का जन्म होना अभी बाकी है. बता दें कि भगवान कल्कि कलियुग के अंत में 10वें अवतार के […]
नई दिल्ली: भगवान कल्कि को भगवान विष्णु का दसवां अवतार कहा जाता है. हिंदू धर्मग्रंथों के मुताबिक कहा जाता है कि भगवान विष्णु के दस अवतार थे, जिनमें से 9 का जन्म हो चुका है और 10वें का जन्म होना अभी बाकी है. बता दें कि भगवान कल्कि कलियुग के अंत में 10वें अवतार के रूप में जन्म लेंगे, जो की सफेद घोड़े पर सवार होकर दुष्टों का संहार करेंगे, अर्थात भगवान विष्णु के कल्कि अवतार के साथ ही कलियुग का अंत होगा. तो आइए जानते है कि भगवान विष्णु कल्कि का अवतार कब लेंगे और कैसा होगा इनका स्वरूप…
पुराणों के मुताबिक भगवान कल्कि का जन्म सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को संभल नामक स्थान पर विष्णुयशा नामक ब्राह्मण परिवार में हुआ होगा, और भगवान कल्कि के पिता भगवान विष्णु के भक्त होंगे, उन्हें वेदों और पुराणों का भी अच्छा जानकारी होगी. बता दें कि भगवान कल्कि पुनः सफेद घोड़े पर सवार होकर पापियों का विनाश करके इस धर्म की रक्षा करेंगे. आपको बता दें कि पौराणिक मान्यता के मुताबिक भगवान कल्कि के अवतार लेते ही सतयुग का आरंभ होगा और कलियुग का भी अंत होगा. कलियुग का प्रारंभ 3102 ईसा पूर्व में हो चुका है, और कलियुग 4 लाख 32 हजार सालों तक रहेगा, जिसमें से कलियुग के 5126 साल बीत चुके हैं और 426875 साल बचे हैं. इसका मतलब ये है कि विष्णु कल्कि का अवतार लगभग 426,875 साल दूर है.
बता दें कि मान्यता है कि जैसे-जैसे कलयुग का समय पूरा होगा, वैसे ही पृथ्वी पर अत्याचार और पाप बढ़ता जाएगा, इसके साथ ही व्यक्ति में संस्कारों की कमी आ जाएगी. साथ ही शिष्य गुरु के उपदेशों का पालन बिलकुल भी नहीं करेंगे, हत्या और लूट की घटनाएं अपने चरम पर होंगी और धर्म की नीतियां एकदम से खत्म हो जाएंगी, और फिर भगवान कल्कि अधर्म का नाश करने के लिए धर्म की पुनर्स्थापना के लिए अवतार लेंगे.
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