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Lord Ganesha Aarti: आज द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी पर्व, गणपति बप्पा की इस आरती से मिलेगी हर क्षेत्र में सफलता

नई दिल्लीः आज द्विजप्रिया संकष्टी चतुर्थी का पर्व है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, द्विजप्रिया संकष्टी चतुर्थी का व्रत फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन रखा जाता है। इसके अलावा भगवान गणेश की विधिवत पूजा का भी विधान है। ऐसा माना जाता है कि इससे व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाएं दूर […]

Lord Ganesha Aarti
inkhbar News
  • February 28, 2024 9:26 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्लीः आज द्विजप्रिया संकष्टी चतुर्थी का पर्व है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, द्विजप्रिया संकष्टी चतुर्थी का व्रत फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन रखा जाता है। इसके अलावा भगवान गणेश की विधिवत पूजा का भी विधान है। ऐसा माना जाता है कि इससे व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और शुभ परिणाम मिलते हैं। अगर आप भी अपने जीवन में व्याप्त दुख-दर्द से छुटकारा पाना चाहते हैं तो द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा की पूजा करें। साथ ही भगवान गणेश की आरती भी करें. मान्यता है कि भगवान गणेश की आरती करने से पूजा सफल होती है और जीवन में खुशियां आती हैं. साथ ही व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में सफल होता है। आइये पढ़ते हैं भगवान गणेश की प्रसिद्ध आरती।

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त

Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2024: Date, Time, Rituals and Significance -  Times of India

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 28 फरवरी को सुबह 01:53 बजे शुरू हो रही है और 29 फरवरी को सुबह 04:18 बजे समाप्त हो रही है। ऐसे में द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का व्रत आज यानी 28 फरवरी, बुधवार के दिन रखा जाएगा।

॥श्री गणेश जी की आरती॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।

माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती (माता पार्वती के मंत्र), पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।

लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।

बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।

कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥