Advertisement
  • होम
  • अध्यात्म
  • महाराष्ट्र के ये गणपति पूरी करेंगे आपकी हर मुराद, जानें रोचक तथ्य

महाराष्ट्र के ये गणपति पूरी करेंगे आपकी हर मुराद, जानें रोचक तथ्य

नई दिल्ली, गणेश उत्सव हिंदूओं का बड़ा त्योहार है, भाद्रपद मॉस के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की स्थापना की जाती है. 10 दिन तक मनाए जाने वाला गणेश उत्सव इस साल 31 अगस्त 2022 से शुरु होगा और अनंत चतुदर्शी यानी कि 9 सितंबर 2022 को गणपत्ति बप्पा के विसर्जन के […]

Advertisement
Ganesh chaturthi 2022
  • August 25, 2022 9:29 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली, गणेश उत्सव हिंदूओं का बड़ा त्योहार है, भाद्रपद मॉस के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की स्थापना की जाती है. 10 दिन तक मनाए जाने वाला गणेश उत्सव इस साल 31 अगस्त 2022 से शुरु होगा और अनंत चतुदर्शी यानी कि 9 सितंबर 2022 को गणपत्ति बप्पा के विसर्जन के साथ ये उत्सव खत्म हो जाएगा. इस साल गणेश चतुर्थी पर बहुत खास योग बन रहा है, जो इस दिन के महत्व को दोगुना बढ़ा रहा है. आइए आपको बताते है गणेश चतुर्थी का शुभ योग और महत्व:

शुभ मुहूर्त

31 अगस्त को सुबह 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 01 बजकर 38 मिनट के बीच भगवान गणेश की पूजा का सबसे उत्तम मुहूर्त है. इस दिन सुबह 05 बजकर 58 मिनट से दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक रवि योग है, वहीं यह योग शुभ कार्यों को करने के लिए अनुकूल माना गया है.

लालबागचा राजा से जुड़ी रोचक बातें

पूरे देश में गणेशोत्सव की धूम है, लेकिन महाराष्ट्र में गणेशोत्सव की धूम अलग ही देखने को मिलती है. यूँ तो पूरे देश में गणेशोत्सव के समय गणपति पूजन किया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र के लालबागचा राजा और सिद्धि विनायक की सबसे ज़्यादा मान्यता है. यह माना जाता है कि लाल बागचा राजा से जो भी मनोकामनाएं दिल से मांगी जाए वो सभी पूरी होती हैं. ऐसा माना जाता है कि लालबागचा राजा एक नवसाचा गणपति हैं (जिसका अर्थ है जो सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं) और हर साल यहां 10 दिनों के दौरान कई लाख श्रद्धालू आते हैं, कई श्रद्धालुओं का तो ऐसा कहना है कि उनकी मुरादें यहाँ आकर पूरी हुई हैं.

कहा जाता है कि 1932 में पेरु चॉल मार्केटप्लेस बंद हो गई थी और उसी के चलते यहां रहने वाले मछुआरों और विक्रेताओं, जिन्हें अपना सारा सामान, सारा माल बेचना पड़ा था, ने बाजार फिर से बन जाने पर कसम खाई थी कि वह भगवान गणेश को एक स्थायी स्थान देंगे और अपने वादे के मुताबिक बाजार बनने के बाद, यहां रहने वालों ने मछुआरों और ट्रेडर्स ने ठीक 2 साल बाद यानी 12 सितंबर 1934 में गणेश जी की प्रतिमा यहां स्थापित की थी.

 

 

Virat vs Babar: विराट कोहली बनाम बाबर आजम, कौन है सबसे बड़ा खिलाड़ी, आंकड़े देख हो जाएंगे हैरान

Advertisement