Lakshmi Puja 2019: शरद पूर्णिमा 2019 आज यानी 13 अक्टूबर, रविवार को मनाई जा रही है. यह हिंदू चंद्र माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. देवी लक्ष्मी, भगवान कृष्ण और चंद्र देव (चंद्रमा) कई पौराणिक कथाओं के साथ प्रमुख देवता हैं जो उन्हें त्योहार के साथ जोड़ते हैं. भक्त उपवास करते हैं और भव्य पूजा में प्रसाद चढ़ाते हैं. शरद पूर्णिमा के दिन ऐसे करें लक्ष्मी पूजा.
नई दिल्ली. शरद पूर्णिमा हिंदू कैलेंडर में सबसे महत्वपूर्ण पर्व में से एक है. शरद पूर्णिमा को कोजागर पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. कोजागरी लक्ष्मी पूजा इस साल आज यानी 13 अक्टूबर को है. पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम में, लक्ष्मी पूजा आश्विन के चंद्र माह में पूर्णिमा के दिन विजयादशमी के बाद या दस-सशस्त्र देवी दुर्गा के विसर्जन के बाद होती है.
आश्विन के महीने में पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी पूजा को कोजागरी पूजा के रूप में जाना जाता है और इसे आमतौर पर बंगाल की लक्ष्मी पूजा के रूप में जाना जाता है. इसे भारत के अन्य हिस्सों में शरद पूर्णिमा भी कहा जाता है. भारत के अन्य भागों में दिवाली के दौरान अमावस्या के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है.
कोजागरी पूर्णिमा व्रत काफी मुश्किल होता है. कोजागरी शब्द कोज जागृति शब्द से लिया गया है मतलब जो जाग रहा है. हिंदु मान्यताओं के अनुसार, देवी लक्ष्मी आश्विन माह की पूर्णिमा के दिन पृथ्वी पर उतरती हैं. और ऐसा माना जाता है कि कौन जाग रहा है. इस सवाल का उत्तर देने वालों को उनका दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस दिन सभी घरों को पारंपरिक अल्पना (रंगोली) से सजाया गया है. देवी के पैरों के निशान देवी को अपने घरों में आमंत्रित करने के लिए तैयार किए गए हैं.
मान्यताओं के अनुसार, पुराणों में यह भी कहा गया है कि देवी लक्ष्मी इस रात के दौरान मनुष्यों के कार्यों को देखने के लिए पृथ्वी का चक्कर लगाती हैं. कोजागरी लक्ष्मी पूजा इस साल रविवार को 13 अक्टूबर को मनाई जाएगी. पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तीथि 13 अक्टूबर 2019 को सुबह 12:36Am से शुरू होगी, और 14 अक्टूबर, 2019 को सुबह 02:38Am बजे समाप्त होगी.
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शरद पूर्णिमा पर महिलाएं, खासकर नवविवाहिताएं व्रत रखती हैं. ऐसा माना जाता है कि इस शुभ दिन पर व्रत रखने से व्यक्ति को सुख, अच्छे स्वास्थ्य और धन की प्राप्ति होती है.