Lakshmi Panchami 2018 : नवरात्रि की शुरुआती तीन दिन मां काली को अर्पित किए जाते हैं. वहीं बीच के तीन दिन मां लक्ष्मी को अर्पित किए जाते हैं. चैत्र शुक्ल पंचमी को श्री पंचमी या लक्ष्मी पंचमी पड़ रही है. इस दिन माता के लक्ष्मी स्वरूप के पूजन का विशेष विधान है.
नई दिल्ली. चैत्र शुक्ल पंचमी को श्री पंचमी या लक्ष्मी पंचमी पड़ रही है. इस दिन माता के लक्ष्मी स्वरूप के पूजन का विशेष विधान है. नवरात्रि के पहले तीन दिन मां काली को अर्पित किए जाते हैं जो तमस गुण को समाप्त करने की क्रिया है. बीच के तीन दिन माता लक्ष्मी को अर्पित किए जाते हैं, जहां रजस गुणो पर जीत हासिल की जाती है एवं अंत के तीन दिन माता सरस्वती को अर्पित किए जाते हैं जहां सत्व गुणो को और पवित्र किया जाता है. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विशेषकर माता लक्ष्मी के वैभव रूप का पूजन किया जाता है.
व्रत की विधि :
प्रातः काल उठ कर स्नान आदि कर स्वच्छ होकर माता के लक्ष्मी स्वरूप की मूर्ति को एक बजोत में लाल कपड़े को रख कर सजायें. उन्हें पंचामृत से, कच्चे दूध से फिर गंगाल जल से स्नान कर कर, वस्त्र, शृंगार आदि से सु सज्जित करें. माता के साथ गणपति की मूर्ति भी स्थापित करें या फिर भगवान विष्णु की प्रतिमा रखें. धन की अधिष्ठतात्रि देवी माता लक्ष्मी का रूप चंचल है, वह स्थिर तभी होती हैं जब उनके पास विष्णु जी विराजमान हो या फिर गणपति बैठे हों.
धूप दीप, फल फूल, नैवैद्य आदि दे कर माता के लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें. माता का सिंदूर, चंदन, सुपारी, पान के पत्ते, शहद, पुष्प माला, नारियल, दूर्वा, रोली अक्षत आदि से पूजन किया जाता है. श्री पंचमी के दिन आप कनकधारा स्त्रोत, लक्ष्मी चालीसा आदि का भी पाठ कर सकते हैं. माता के ‘श्रीं’ बीज रूप का जप करना भी अत्यंत फलदायी होता है. माता लक्ष्मी की कृपा से जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है, ऋण दोष से मुक्ति मिलती है, जीवन में यश, सम्मान, वैभव, ऐश्वर्य सभी की प्राप्ति होती है. माता के अष्ट रूपों का जप भी करें, आपके समस्त कष्टों से आपको मुक्ति मिलेगी.
~ नन्दिता पाण्डेय,
ऐस्ट्रो-टैरोलोजर , आध्यात्मिक गुरु
email : soch.345@gmail.com, +91 9312711293
website : www.nanditapandey.biz
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