Kumbh 2019: कुंभ मेले का आयोजन इस बार 15 जनवरी से शुरू होकर 4 मार्च महाशिवरात्रि तक चलेगा. अलाहाबाद प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेले में 6 छह स्नान तिथियों का संयोग बन रहा है. मकर संक्रांति, पौष पूर्णिमा, मौनी अमावास्या, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के दिन भक्त संगम तट पर स्नान कर कुंभ मेले का उत्साह मनाएंगे.
नई दिल्ली. हर साल की तरह इस साल भी प्रसिद्ध कुंभ मेले का आयोजन प्रयागराज में 15 जनवरी से 4 मार्च के बीच किया जाएगा. कुंभ मेला की शुरुआत 14 जनवरी मकर संक्रांति से शुरू होकर 4 मार्च को पड़ रही महा शिवरात्रि पर जाकर खत्म होगा. इस बार कुंभ मेले में छह मुख्य स्नान तिथिओं का योग बन रहा है. 50 दिनों तक चलने वाले इस महा कुंभ की सभी स्नान तिथियों के बारे में आज हम आपको यहां बताने जा रहे हैं.
1. सबसे पहले कुंभ मेले की शुरूआत 14 जनवरी मकर संक्रांति के साथ होगी. इस दिन शाही स्नान के साथ प्रयागराज पर अलग अलग अखाड़ों के साधु संतों की पहली शोभायात्रा निकाली जाएगी और फिर स्नान किया जाएगा. माघी महीने के पहले दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है इसलिए इस दिन को मकर संक्रांति के रुप में मनाया जाता है.
2. ऐसी मान्यता है कि पौष महीने की 15वीं तारीख को पौष पूर्णिमा कहा जाता है. इस साल पौष पूर्णिमा 21 जनवरी को मनाई जाएगी, इस दौरान चांद पूरा दिखाई देता है. मान्यताओं के अनुसार, कोई भी व्यक्ति इस दिन पूरे विधि विधान के साथ सुबह स्नान करें तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. पौष पूर्णिमा के दिन से ही संगम स्नान के बाद कुंभ की भी शुरुआत होती है.
3. कुंभ मेले का तीसरा स्नान मौनी अमावस्या 4 फरवरी 2019 के दिन किया जाएगा. ऐसी मान्यता है कि कुंभ के पहले तीर्थकर ऋषभ देव ने लंबी तपस्या के बाद अपना मौन तोड़कर संगम में स्नान किया था. इस दिन के बाद से कुंभ मेले में विशाल मेले का आयोजन किया जाता है, जहां लाखों करोड़ों लोग आते है.
4. माघ महीने की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है. मान्यताओं के मुताबिक, देवी सरस्वती का जन्म भी बसंत पंचमी के दिन हुआ था. इस दिन पवित्र नदियों के समीप तीर्थ स्थानों पर बसंत मेला भी लगाया जाता है. इस दिन स्नान करने का खास महत्तव होता है. इस साल बसंत पंचमी 10 फरवरी को मनाई जाएगी. इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनने का महत्तव है.
5. कुंभ मेला का पांचवां स्नान माघी पूर्णिमा 19 फरवरी 2019 को किया जाएगा. हिंदु धर्मों में ऐसी मान्यता है कि माघी पूर्णिमा के दिन सभी देवता स्वर्ग से सीधा संगम आए थे. माघी पूर्णिमा के दिन संगम तट पर कल्पवास व्रत कर रहे साधु संत स्नान कर इस त्योहार की खुशी मनाते हैं.
6. 4 मार्च महाशिवरात्रि के दिन कुंभ मेले का आखिरी स्नान किया जाएगा. महाशिवरात्रि के दिन कल्पवासी व्रत कर रहे सभी आखिरी स्नान कर अपने अपने घर जाते है. जाने से पहले सभी संगम तट पर डुबकी लगाकर माता पार्वती और भगवान शिव को नमस्कार करते है.
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