Krishna Janmashtami On 24 August 2019: 24 अगस्त को मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी, इस शुभ मुहूर्त में ऐसे करें कान्हा की पूजा, जानें पूजा विधि, मंत्र

Krishna Janmashtami on 24 August 2019: इस साल 24 अगस्त को देश भर में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा. इस खास मौके पर मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया जाता है. इस दिन लोग भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और 56 भोग भी लगाया जाता है. साथ ही लोग कान्हा के जन्म के लिए व्रत और कान्हा के जन्म के बाद ही भोजन ग्रहण करते हैं.

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Krishna Janmashtami On 24 August 2019: 24 अगस्त को मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी, इस शुभ मुहूर्त में ऐसे करें कान्हा की पूजा, जानें पूजा विधि, मंत्र

Aanchal Pandey

  • August 16, 2019 4:53 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्स्व है. इस साल कृष्ण जन्माष्टमी 24 अगस्त 2019 को मनाई जाएगी. जन्माष्टमी भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी इसे पूरी आस्था और उल्लास के साथ मनाते हैं. हिंदू पुराणों के अनुसार भाद्र माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि को अत्याचारी कंस का विनाश करने के लिए मथुरा में श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. भगवान स्वयं इस दिन पृथ्वी पर अवतरित हुए थे इसलिए एस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है. जन्माष्टमी के खास मौके पर पूरी मथुरा नगरी भक्ति के रंगों से सराबोर हो उठती है.

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन मौके पर भगवान कान्हा की मोहक छवि देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु मथुरा पहुंचते हैं. श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर मथुरा कृष्णामय हो जाता है. मंदिरों को खास तौर पर सजाया जाता है. इस दिन लोग भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और 56 भोग भी लगाया जाता है. साथ ही लोग कान्हा के जन्म के लिए व्रत और कान्हा के जन्म के बाद ही भोजन ग्रहण करते हैं.

कृष्ण जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त- Krishna Janmashtami Subh Muhurat

इस साल जन्माष्टमी 24 अगस्त 2019 को मनाई जाएगी.

जन्माष्टमी का निशीथ पूजा महुर्त- 25 अगस्त रात 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा

पूजा की कुल अवधि- 44 मिनट

जन्माष्टमी पारण मुहुर्त- 25 अगस्त सुबह 05 बजकर 54 मिनट के बाद

पूजा की विधि- Krishna Janmashtami Puja Vidhi

यह व्रत अष्टमी तिथि से शुरू हो जाता है. सुबह स्नान के बाद मंदिर घर को साफ करके बाल कृष्ण लड्डू गोपाल जी की मूर्ति मंदिर में रखे कर विधि विधान से पूजा करें. इसके बाद रात्रि 12 बूजे भगवान कृष्ण का जन्म कराएं. भगवान के गीत गाएं. गंगाजल से पहले कृष्ण को स्नान कराके नए वस्त्र और आभूषण पहनाएं. भगवान के भजन गाएं. रात 12 बदे जनेम कराके गीत संगीत के बाद प्रसाद का वितरण करें.

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