नई दिल्ली, संशय दूर करते हुए श्रीकृष्ण जन्मस्थान ने 19 अगस्त को जन्माष्टमी का आयोजन करने का ऐलान कर दिया है. इसके अलावा द्वारिकाधीश और बांकेबिहारी में भी इसी दिन जन्माष्टमी मनाई जाएगी, इस घोषणा के बाद मंदिरों में तैयारी शुरू हो गई है. इस दिन मनाई जाएगी जन्माष्टमी इस बार जन्माष्टमी को लेकर लोगों […]
नई दिल्ली, संशय दूर करते हुए श्रीकृष्ण जन्मस्थान ने 19 अगस्त को जन्माष्टमी का आयोजन करने का ऐलान कर दिया है. इसके अलावा द्वारिकाधीश और बांकेबिहारी में भी इसी दिन जन्माष्टमी मनाई जाएगी, इस घोषणा के बाद मंदिरों में तैयारी शुरू हो गई है.
इस बार जन्माष्टमी को लेकर लोगों में 18 और 19 अगस्त की दो तारीखों पर संशय था, लेकिन अब इस संशय को दूर करते हुए श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के विशेष कार्याधिकारी विजय बहादुर सिंह ने बताया कि श्री कृष्ण जन्मस्थान पर कृष्ण जन्माष्टमी 19-20 अगस्त की रात में मनाई जाएगी, वहीं द्वारिकाधीश मंदिर के मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी ने बताया कि मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 19 अगस्त को मनाया जाएगा. वहीं बांके बिहारी मंदिर में भी जन्माष्टमी 19 को ही मनाई जाएगी, बांके बिहारी में जन्माष्टमी पर होने वाली मंगला आरती 19-20 अगस्त की रात दो बजे की जाएगी.
जन्माष्टमी साल के बड़े त्योहारों में से एक है, मुख्य रूप से जन्माष्टमी की पूजा मथुरा, वृन्दावन और द्वारिका में विधि विधान से की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, भगवान श्री कृष्ण का जन्म इसी दिन हुआ था. ऐसी मान्यता है कि जन्माष्टमी के दिन व्रत करने से भगवान श्री कृष्ण सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.
जन्माष्टमी के दिन लोग एक दिन का उपवास रखते हैं और भगवान के जन्म के बाद जश्न मनाते हैं. इसके बाद लोग अपना व्रत तोड़ते हैं, बता दें पूजा मध्यरात्रि के बाद शुरू होती है, जब भगवान कृष्ण की प्रतिमा को स्नान करवाया जाता है. इसके बाद प्रभु को नए वस्त्र पहनाकर पालने में बिठाया जाता है और भक्ति गीत गाकर पूजा-अर्चना की जाती है. पूरे देश में जन्माष्टमी का पर्व बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है.