नई दिल्ली: हमारे हिन्दू धर्म में मान्यता है कि पहली रोटी गाय को और आखिरी रोटी कुत्ते को खिलाना शुभ है. हमारे सनातन धर्म में यह परंपरा सदियों से कायम है. अमूमन हमारे यहाँ हर घर में पहली रोटी गाय के लिए और आखिरी रोटी कुत्ते के लिए जरूर बनाई जाती है. लेकिन क्या […]
नई दिल्ली: हमारे हिन्दू धर्म में मान्यता है कि पहली रोटी गाय को और आखिरी रोटी कुत्ते को खिलाना शुभ है. हमारे सनातन धर्म में यह परंपरा सदियों से कायम है. अमूमन हमारे यहाँ हर घर में पहली रोटी गाय के लिए और आखिरी रोटी कुत्ते के लिए जरूर बनाई जाती है.
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिरकार ऐसा किया जाता है तो इसके पीछे क्या कारण हैं. ऐसे में इनख़बर के इस अध्यात्म लेख में हम यह जानने की कोशिश करते हैं कि घर में बनाई जाने वाली पहली रोटी गाय के लिए और आखिरी रोटी कुत्ते को क्यों खिलाई जाती है. आइये जानते हैं:
हिन्दू धर्म में गाय को माँ/माता का दर्जा दिया गया है और प्राचीन काल से ही गाय को बहुत पवित्र माना गया है. हमारे देश में गौमाता की पूजा व इसे स्नेह किया जाता है. मान्यता है कि व्यक्ति को गाय की पूजा और सेवा करने से कई सारे पुण्य मिलते हैं. गाय में सभी देवी-देवताओं का वास माना जाता है. ऐसे में गाय को रोटी खिलाने का सीधा तात्पर्य सभी देवी-देवता को भोग लगाने से हैं.
जैसा कि हम सब जानते हैं भोजन को सबसे पहले पहले देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है. ऐसा करना शुभ माना गया है और यही वजह है कि घर की पहली रोटी गाय को खिलाई जाती है. ऐसा करने से व्यक्ति को सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।
अगर किसी के घर में अक्सर कलह-विवाद की स्थिति बनी रहती है. साथ ही परिवार के सदस्यों के दरमियान आपस में दिन-रात झगड़ा होता रहता है. जिसके परिवार में खुशहाली का अभाव हो तो ऐसे में प्रात:काल की पहली रोटी गाय को देनी जरूर चाहिए और प्रात: सबसे अंत में बनी हुई रोटी कुत्ते को देनी चाहिए। इससे परिवार के कलह और झगड़े-फसाद की समस्या से निजात मिलता है.
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि या राहु-केतु अशुभ हो तो घर की आखिरी रोटी कुत्ते को देनी चाहिए। इससे सभी प्रकार के दोषों का प्रभाव कम हो जाता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष व लोक मान्यताओं पर आधारित है. इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए इनख़बर किसी भी प्रकार की पुष्टि नहीं करता है.)