अध्यात्म

जानिए क्यों बकरीद पर हर एक मुसलमान के लिए जरूरी है कुर्बानी?

नई दिल्ली: मुस्लिम त्योहार ईद उल अजहा का नाम सुनते ही कुर्बानी नाम जहन में आता है. कुर्बानी यानी ऐसी प्रथा जिसमें बकरीद के मौके पर अल्लाह के नाम पर भेड़ या बकरी को काटकर उसका गोश्त गरीब लोगों में बांटा जाता है. इस्लाम में मानना है कि खुदा कुर्बानी के पीछे बंदों की नीयत को देखता है. अल्लाह को पसंद है कि उसका बंदा हलाल तरह से कमाएं हुए पैसे को ही कुर्बानी के लिए खर्च करे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर इस्लाम क्यों सदियों से चलती आ रही है कुर्बनी की प्रथा और क्या है इसके पीछे का इतिहास.

इस्लाम में माना जाता है कि कुर्बानी की शुरूआत उस समय से हुई जब एक मुस्लिम पैगंबर इब्रा‍हीम अलैस सलाम को एक ख्वाब आया जिसमें खुदा का हुक्म था कि हजरत इब्रा‍हीम अपने बेटे हजरत इस्माईल को खुदा की राह में कुर्बान कर दें. हालांकि, हजरत इब्रा‍हीम के लिए यह एक मुश्किल घड़ी थी लेकिन उन्होंने अल्लाह के हुक्म को मानते हुए अपने बेटे की कुर्बानी करने के लिए तैयार हो गए. लेकिन जैसे ही इब्राहीम अलैस सलाम छुरी लेकर अपने बेटे को कुर्बान करने की ओर बढ़े तो इतने में ही फरिश्तों के सरदार कहे जाने वाले जिब्रील ने तेजी से हजरत इब्राहीमके बेटे हजरत इस्माइल को हटाकर उनकी जगह एक मेमना रख दिया. जिस वजह से हजरत इब्राहीम की छुरी बेटे पर न चलकर एक मेमने पर चल गई और अल्लाह की राह में किसी मुसलमान की ओर से यह पहली कुर्बानी हुई. जिसके बाद जिब्रील अमीन ने इब्राहीम अलैस सलाम को खुशखबरी सुनाई कि अल्लाह ने उनकी कुर्बानी को कुबूल कर लिया है.

वहीं इस मामले में अगर शरियत की माने तो ईद-उल-अजहा पर कुर्बानी हर उस मुसलमान पर फर्ज है जिसके पास 13 हजार रूपए हों या उसके बराबर कीमत के सोने-चांदी के गहने हों. ऐसे में अगर कोई मुसलमान हैसियत को देखते हुए कुर्बानी नहीं दे रहा है तो इस्लाम में वह गुनाहगार माना जाएगा. वहीं अगर किसी शख्स ने हैसियत को देखते हुए पहले कुर्बानी ना दी हो तो वह साल के बीच में गरीब लोगों को सदका देकर इसे अदा कर सकता है. बता दें कि शरीयत में कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा गया है जिसमें पहला हिस्सा गरीब लोगों के लिए निकाला जाता है वहीं दूसरा हिस्सा दोस्त के लिए और तीसरे हिस्से के घर के लिए बचाया जाता है.

हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश करता यूपी का ऐसा गांव जहां एक नींव पर बनी है मंदिर-मस्जिद

जानिए इस्लाम में नमाज से पहले क्यों लगाई जाती है अजान?

Aanchal Pandey

Recent Posts

GDP ग्रोथ रेट 4 साल के सबसे निचले स्तर पर, बढ़ती महंगाई के जख्मों पर नमक छिड़कते हैं ये आंकड़े!

अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर एक बार फिर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की सीमा को…

19 seconds ago

यूपी में गैंगस्टर का भौकाल! कार में गर्ल फ्रेंड के साथ ऐसे मनाया जन्मदिन, उठाकर जेल में पटक आई यूपी पुलिस

वीडियो इतना वायरल हो गया कि पुलिस के हाथों लग गई। पुलिस ने इसे ध्यान…

7 minutes ago

देर रात फ्लैट में घुसा चोर, चोरी करने के बजाए महिला से लगा बैठा दिल, कर दी ये गंदी हरकत!

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से चोरी का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जो इलाके…

9 minutes ago

छत से धक्का दे दूंगी…पति का चेहरा काला पड़ा तो पत्नी ने दी मारने की धमकी, रोते बिलखते लगाई मदद की गुहार

उत्तर प्रदेश के कन्नौज से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां…

18 minutes ago

300 फीट गहरी खाई में फंसी 9 जिंदगियां, 100 फीट भरा पानी, रेस्क्यू करने पहुंची नेवी

असम के दीमा हसाओ जिले में कोयला खदान में फंसे 9 मजदूरों को बचाने के…

24 minutes ago

128 मौतें, 800000 बेघर, तिब्बत में भूकंप के खौफनाक मंजर का जिम्मेदार कौन?

भूकंप प्रभावित लोगों को बचाने के लिए चीन की स्टेट काउंसिल ने भूकंप प्रभावित शहर…

49 minutes ago