नई दिल्ली: हिंदू धर्म की मान्यता की अनुसार, पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण-श्राद्ध आदि कर्म करने चाहिए। इसी के आधार पर इन तमाम कार्यों के लिए 15 दिन का पितृ पक्ष समर्पित किया गया है. ऐसा माना जाता है कि इन 15 दिनों के दौरान हमारे पितृ पृथ्वी पर आते हैं. इसलिए इस दौरान कई लोग 15 दिन तक अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए अनुष्ठान-उपाय करते हैं. इसके साथ ही ये भी मान्यता है कि यदि पितृ नाराज हो जाएं तो जीवन में कई संकट आने लगते हैं. ऐसे में आज हम इन संकेतों के बारे में जानेंगे जो बताते हैं कि आपके पितृ नाराज हैं.
-यदि मृतक का अंतिम संस्कार विधि-विधान से न किया गया हो व पितरों की शांति के लिए अच्छे से तर्पण-श्राद्ध न किया जाए या फिर सही विधि से पिंडदान न किया गया हो तो व्यक्ति पर पितृ दोष लगता है.
– पितृ दोष के चलते व्यक्ति को मेहनत करने के बाद भी अच्छा फल नहीं मिल पाता है. व्यक्ति तनाव में रहता है और अपने कारोबार में नुकसान झेलता है.
– पितृ दोष के चलते घर के बने काम बिगड़ने लगते हैं. इतना ही नहीं लोगों के वैवाहिक जीवन में भी समस्या आने लगती है. अविवाहितों के विवाह में बेवजह लगातार बाधाएं आने लगती हैं.
पिंडदान करें
गो-दान करें
शांति के लिए अनुष्ठान करना
कौवों को भोजन दें
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी लोक मान्यताओं पर आधारित है. इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए इनख़बर किसी भी प्रकार की पुष्टि नहीं करता है.)
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