गणेश चतुर्थी का पर्व शुरु हो चुका है. घरों में गणपति बप्पा का स्वागत हो चुका है. हर हिंदू घर में किसी भी शुभ काम को करने से पहले गणपति जी की पूजा की जाती है. लेकिन आज इनखब आपके लिए गणपति जी का स्त्री अवतार लेकर आएं हैं. ऐसे बहुत कम लोग है जिन्होंने स्त्री गणेश का अवतार देखा है, स्त्री गणेश को विनायकी कहा जाता है.
नई दिल्ली. गणेशजी का महाउत्सव शुरू हो चुका है, घर घर में गणपति बप्पा पधार चुके हैं. धीरे धीरे गणपति बप्पा मोरया का उत्सव पूरे देश में फैल गया है, खासतौर पर मुंबई वालों के लिए तो साल के ये सबसे उल्लास भरे दिन होते हैं. हर हिंदू घर में गणेश जी की मूर्तियां पाई जाती हैं, हर शुभ काम में सबसे पहले उनकी पूजा होती है. ऐसे में गणेशजी से उनका मिलना होता ही रहता है, लेकिन बहुत कम ऐसे हैं जो गणेश के स्त्री स्वरूप से मिल पाते हैं.
बहुत कम लोग होंगे जो तस्वीर में दिख रहे‘स्त्री गणेश’से पहले रूबरू हुए होंगे. भारत भूमि में उपजे तमाम धर्म-पंथों में शक्ति पूजा अहम रही है, तभी यहां लगभग हर देवता के स्त्री स्वरूप की भी कल्पना की गई है. स्त्री गणेश को विनायकी कहा जाता है, उनकी मूर्तियां देश भर में कई जगह मिली हैं और कई मंदिरों में अब भी उनके दर्शन किए जा सकते हैं. सबसे पुरानी जो मूर्ति मिली है वो ईसा पूर्व सदी यानी आज से करीब 2100 साल पुरानी है. इससे पता चलता है कि हजारों सालों से गणेशजी के स्त्री अवतार की पूजा होती रही है.
विनायकी को विघ्नेश्वरी, गणेशनी, गजाननी, गजरूपा, रिद्धिसी, पीताम्बरी, गणेशी, गजानंदी, स्त्री गणेश और गजानना जैसे कई नामों से अलग अलग ग्रंथों में लिखा गया है. इनकी मूर्तियों का स्वरूप बिलकुल गणेशजी जैसा ही है, यानी सर हाथी का और धड़ पुरूष की जगह मानव स्त्री का हो जाता है. विनायकी को कई जगह 64 योगिनियों में भी शामिल किया गया है. जबकि जैन और बुद्ध ग्रंथों में विनायकी को एक अलग देवी के तौर पर माना गया है. अगर आप जानना चाहते हैं कि देश के वो चार मंदिर कौन से हैं, जहां स्त्री गणेश यानी विनायकी की मूर्ति लगी है, पूजा होती है, तो देखिए ये वीडियो रिपोर्ट-
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