नई दिल्ली. Kharmas 2022: साल में कुल 12 संक्रांति पड़ती है, जिसमें से सबसे ख़ास धनु संक्रांति को बताया गया है. धार्मिक मान्यता है कि ग्रहों के राजा सूर्य जब धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो धनु संक्रांति होती है. धनु संक्रांति आते ही अगले 30 दिन के लिए मुंडन, सगाई और गृह प्रवेश जैसे सभी शुभ कार्यों पर विराम लग जाता है और इसी अवधि को मलमास या खरमास कहते हैं. बता दें इस साल सूर्य 16 दिसंबर 2022 को धनु राशि में प्रवेश करने वाले हैं और इसी दिन से खरमास की शुरुआत हो जाएगी.
1. खरमास में शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं, माना जाता है कि इस समय अगर विवाह किया जाए तो भावनात्मक और शारीरिक सुख दोनों नहीं मिलते हैं.
2. इस समय मकान का निर्माण या संपत्ति की खरीदारी करना भी मना होता है. कहा जाता है कि इस दौरान इस दौरान बनाए गए मकान या तो कमजोर होते हैं या फिर उनमें रहने पर सुख नहीं मिल पाता है.
3. खरमास में नया काम या व्यापार भूल से भी शुरू न करें, इससे व्यापार में शुभ फलों के मिलने की संभावना बहुत कम हो जाती है.
4. इस दौरान द्विरागमन, कर्णवेध और मुंडन जैसे मांगलिक कार्यों पर भी रोक होती है क्योंकि इस अवधि के किए गए कार्यों से रिश्तों के खराब होने की संभावना होती है.
5. इस महीने धार्मिक अनुष्ठान भूल से भी न करें.
ज्योतिषियों की मानें तो गुरु देव बृहस्पति धनु राशि के स्वामी हैं और बृहस्पति का अपनी ही राशि में प्रवेश करना अशुभ माना जाता है. ऐसा होने पर लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर पड़ जाता है और इस राशि में सूर्य के कमजोर होने के चलते इसे मलमास कहते हैं. ऐसा कहा जाता है कि खरमास में सूर्य का स्वभाव थोड़ा उग्र हो जाता और ऐसे में, सूर्य के कमजोर स्थिति में होने की वजह से ही शुभ कार्यों पर इस दौरान रोक रहते हैं. खरमास के दौरान शादी-ब्याह, मुंडन, सगाई आदि मांगलिक कार्य नहीं होते हैं.
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