Karwa Chauth : 13 को करवा चौथ, क्या है 16 श्रृंगार की मान्यता ?

नई दिल्ली. त्योहारी सीज़न चल रहा है, इस समय कई सारे त्योहार लाइन से आने वाले हैं, हाल ही में नवरात्रि खत्म हुई है और अब लोगों को दिवाली का इंतज़ार है, लेकिन दिवाली से पहले ही महिलाओं का एक ख़ास पर्व पड़ रहा है और वो है करवा चौथ. करवा चौथ का पर्व महिलाओं के लिए बेहद ख़ास होता है. पूरे साल महिलाऐं इस पर्व का इंतज़ार करती हैं. इस बार करवा चौथ का पर्व 13 अक्टूबर को पड़ रहा है.

कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन करवा चौथ का पर्व पड़ता है, कहा जाता है कि जो सुहागिन महिलाऐं करवा चौथ के दिन व्रत रखकर विधि विधान से पूजा करती हैं, उन्हें अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है. कहा जाता है कि करवा चौथ के दिन महिलाओं को सोलह श्रृंगार करना चाहिए, ऐसे में सोलह श्रृंगार का क्या महत्व है, इसके बारे में आइए आपको बताते हैं:

सोलह श्रृंगार का महत्व

महिलाओं के 16 श्रृंगार में सबसे ख़ास होती है बिंदी. आयुर्वेद में बिंदी को अजना चक्र भी कहते हैं, ये माना जाता है कि इस चक्र से मानसिक शांति और घबराहट कम होती है, इसलिए बिंदी भी माथे के बीच में लगाई जाती हैं. वहीं, श्रृंगार में सबसे ज्यादा अगर किसी चीज़ का महत्व होता है तो वो है सिन्दूर. सिन्दूर सुहाग की निशानी है, ये भी कहा जाता है कि किसी भी शादी शुदा महिला का श्रृंगार सिन्दूर लगाए बिना अधूरा होता है इसलिए करवा चौथ के दिन आप सिन्दूर लगाना बिल्कुल न भूलें.
वहीं, 16 श्रृंगार में मांग टीका सुहागनों के चेहरे पर और चार चांद लगा देती है. आज कल बाजार में कई प्रकार के मांग टीका आ गए है, जैसे फूलों की डिज़ाइन के मोती के, कुंदन आदि अलग-अलग तरीके के मांग टिके आ गए हैं. पायल को बहुत ही शुभ माना जाता है इसलिए आप पायल ज़रूर पहनें.’

 

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