नई दिल्ली. त्योहारी सीज़न चल रहा है, इस समय कई सारे त्योहार लाइन से आने वाले हैं, हाल ही में नवरात्रि खत्म हुई है और अब लोगों को दिवाली का इंतज़ार है, लेकिन दिवाली से पहले ही महिलाओं का एक ख़ास पर्व पड़ रहा है और वो है करवा चौथ. करवा चौथ का पर्व महिलाओं […]
नई दिल्ली. त्योहारी सीज़न चल रहा है, इस समय कई सारे त्योहार लाइन से आने वाले हैं, हाल ही में नवरात्रि खत्म हुई है और अब लोगों को दिवाली का इंतज़ार है, लेकिन दिवाली से पहले ही महिलाओं का एक ख़ास पर्व पड़ रहा है और वो है करवा चौथ. करवा चौथ का पर्व महिलाओं के लिए बेहद ख़ास होता है. पूरे साल महिलाऐं इस पर्व का इंतज़ार करती हैं. इस बार करवा चौथ का पर्व 13 अक्टूबर यानी आज मनाया जा रहा है. करवा चौथ के दिन चाँद को देखकर व्रत तोड़ा जाता है, पूजा में करवे आपस में बदले जाते हैं. देशभर में हर जगह पूजा की अपनी परंपरा है. कहीं-कहीं तो पूजा में गणेश परिवार के साथ करवा माता की पूजा भी की जाती है. इसके अलावा मिट्टी की गौरा बनाकर उनसे सुहाग की लंबी उम्र मांगी जाती है और फिर कथा सुना जाता है.
चंद्र दर्शन के लिए सबसे पहले पूजा की थाली सजाई जाती है, वहीं करवे में जल भरा जाता है, साथ ही पूजा की थाली में रौली, चावल, मिठाई, और छलनी रखनी चाहिए. चंद्र दर्शन के समय इस बात का ध्यान रखें कि आप चंद्रमा की दिशा की तरफ ही खड़े हों, ध्यान रखें दक्षिण दिशा में खड़े होकर चंद्र दर्शन नहीं करने चाहिए. चंद्र दर्शन हमेशा पहले छलनी से किया जाता है, इससे चंद्रमा का दोष नहीं लगता है, पूजा करते वक्त सबसे पहले छलनी से चंद्रमा देखें और फिर छलनी से ही पति के दर्शन करें.
इसके बाद चंद्रमा को तिलक लगाएं, जल चढ़ाएं, मिठाई का भोग लगाएं और आरती उतारें, फिर इसी तरह अपने पति को भी तिलक लगाएं और उनकी आरती उतारें, कई जगह चंद्रमा पर सात सींकों को भी फेंका जाता है, हर जगह इसकी अलग परंपरा होती है.
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