Karwa Chauth 2019 Important Facts: करवा चौथ का व्रत इस वर्ष 17 अक्टूबर 2019 को पड़ रहा है. महिलाओं ने इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. ज्योतिष के मुताबिक करवा चौथ के दिन रिति रिवाज से पूजा न होने पर व्रत का पूरा फल नहीं मिलता है और यह अधूरा माना जाता है.
नई दिल्ली.करवा चौथ का व्रत इस वर्ष 17 अक्टूबर 2019 को पड़ रहा है. महिलाओं ने इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. करवा चौथ के दिन महिलाएं काफी नियमों का पालन करती हैं. क्योंकि गलत तरीके से किए गए कार्यों का फल हमेशा बुरा होता है. ज्योतिष के मुताबिक करवा चौथ के दिन रिति रिवाज से पूजा न होने पर व्रत का पूरा फल नहीं मिलता है और यह अधूरा माना जाता है.
सरगी का उपहार
सरगी करवा चौथ के एक दिन पहले का रश्म है, जिसमें सास अपनी बहु को आशिर्वाद के रूप में सरगी देती है. सरगी में मिठाई, फल मेवे आदी होता है, जिसे सूर्योदय से समय व्रत से पहले खाना होता है. जिससे पूरे दिन फास्ट करने में उर्जा मिलती हैं.
निर्जला व्रत की विधी
करवा चौथ का व्रत निर्जला रखा जाता है, इस व्रत में एक बूंद पानी नहीं पिया जाता. दिन भर व्रत रखकर माता गौरी और भगवान शिव को प्रसन्न करने की कोशिश करती है. ताकि उन्हें अखंड सुहाग और सुखी दाम्पत्य जीवन का आर्शिवार्द मिले.
शिव-गौरी की मिट्टी की मूर्ति
करवा चौथ में पूजा के लिए गौरी और गणेश जी की पिली मिट्टी से मूर्ति बनाई जाती है. फिर उन्हें छोटे से चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर स्थापित किया जाता है. माता गौरी क सिंदूर, बिंदी, चुन्नी तथा भगवान शिव को चंदन, फूल वस्त्र आदि पहनाते हैं. श्री गणेश जी उनकी गोद में बैठते हैं.
करवा चौथ की कथा
दिन में पूजा की तैयारी के बाद शाम में महिलाएं एक साथ बैठ कर,पंडित जी या उम्रदराज महिलाएं करवा चौथ की कथा सुनाती हैं. ये करना काफी महत्वपूर्ण होता है.
करवे और लोटे को सात बार फेरना
करवे और लोटे को सात बार फेरने की एक वीधी होती है, इसका मतलब होता है कि घर की औरतों के बीच में प्यार बना रहे. इस विधी में साथ मिलकर पूजा करें और कहानी सुनने के बाद दो-दो महिलाएं अपने करवे सात बार फेरती हैं, जिससे घर में सभी प्रेम के बंधन में मजबूती से पकड़े रहे.
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