नई दिल्ली. करवा चौथ का व्रत सुहागिनों के लिए कई मयानों में खास होता है. इस दिन महिलाओं का ये सबसे कठिन व्रत माना जाता है. यह व्रत ऐसा है जब सुगाहिनें जल भी ग्रहण नहीं कर सकती. चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही सुहागिनें पति के हाथ से व्रत खोलती हैं और तभी करवा चौथ का व्रत पूरा होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं इस दिन चंद्रमा के साथ गणपति को भी अर्घ्य देने का महत्व होता है.
जानकारों का कहना है कि विवाहित महिलाओं को करवा चौथ व्रत पर चंद्रमा और बाद में करवामाता व गणपति को भी अर्घ्य देना चाहिए. शाम को जब महिलाएं कथा सुनती हैं तो वह जरूर गणेश भगवान की भी कथा सुनती है. हिंदू धर्म में हर पूजा में गणपति बप्पा की पूजा करने का धर्म होता है. ठीक इसी प्रकार शाम को भी गणपति बप्पा को भी अर्घ्य दिया जाता है.
बता दें करवा चौथ के दिन महिलाओं को कैंची, छुरी जैसी चीजों का काम नहीं करना चाहिए. साथ ही सुहागिन महिलाओं को लाल हरा जैसे शुभ रंग ही पहनने चाहिए. करवा चौथ पर मेंहदी का भी खास महत्व होता है क्योंकि मेंहदी 16 श्रृंगार में सबसे अहम होती है. बता दें करवा चौथ पर कार्तिक भगवान, भगवान गणेश, भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है.
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Nice lines.
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