नई दिल्ली: करवाचौथ हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए करती हैं। हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाने वाला यह व्रत, विशेष रूप से […]
नई दिल्ली: करवाचौथ हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए करती हैं। हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाने वाला यह व्रत, विशेष रूप से उत्तर भारत में लोकप्रिय है। इस वर्ष करवाचौथ का पर्व 20 अक्टूबर 2024 रविवार से शुरू होकर 21 अक्टूबर की सुबह 4:16 तक मनाया जाएगा।
पंजाब में करवाचौथ का त्योहार बेहद खास तरीके से मनाया जाता है। यहां की महिलाएं विशेष रीति-रिवाजों के साथ व्रत रखती हैं। करवाचौथ के दिन सुबह महिलाएं सरगी खाती हैं, जो उनकी सास द्वारा दी जाती है। इसके बाद वह दिनभर निर्जल व्रत रखती हैं। वहीं शाम को करवाचौथ की कथा का आयोजन किया जाता है, जहां महिलाएं एक घेरे में बैठकर पंडिताइन या बुजुर्ग महिला से व्रत कथा सुनती हैं। कथा सुनने के दौरान महिलाएं अपनी थाली भी घुमाती हैं, फेरे करना भी कहा जाता है.
कथा के बाद सास की अनुमति से महिलाएं पानी या चाय ग्रहण कर सकती हैं। इसके बाद सास को ‘पोइया’ दिया जाता है, जो करवाचौथ की परंपरा का एक हिस्सा है। रात में चांद निकलने पर महिलाएं छलनी से चांद का दीदार करती हैं और फिर अपने पति का चेहरा देखती हैं। इसके बाद व्रत को पूर्ण किया जाता है।
पंजाब में करवाचौथ का यह अनोखा अंदाज पूरे देश में प्रसिद्ध है, जिसे कई फिल्मों में भी दिखाया गया है। मान्यता है कि करवाचौथ का व्रत सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए रखा था, जिसके बाद उनका विवाह भगवान शिव से हुआ। इस व्रत के पीछे एक और मान्यता है कि चंद्रमा से अमृत की वर्षा होती है, जिससे पति की आयु लंबी होती है। इसी कारण महिलाएं चंद्रमा की पूजा कर अपने पति के स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना करती हैं।
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