नई दिल्ली: आज से हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह की शुरुआत हो गई है, जो धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। कार्तिक माह, जिसे ‘मासों का राजा’ भी कहा जाता है, विशेष रूप से भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। इस माह में किए गए […]
नई दिल्ली: आज से हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह की शुरुआत हो गई है, जो धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। कार्तिक माह, जिसे ‘मासों का राजा’ भी कहा जाता है, विशेष रूप से भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। इस माह में किए गए व्रत, पूजा, स्नान और दान का विशेष महत्व होता है।
कार्तिक माह में विशेष रूप से पुण्यकारी स्नान, दीपदान, व्रत, और धार्मिक अनुष्ठानों का बड़ा महत्व है। मान्यता है कि इस माह में प्रातः काल स्नान करना व्यक्ति के सभी पापों का नाश करता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से गंगा स्नान को अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। इसी कारण श्रद्धालु इस माह में गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने का प्रयास करते हैं।
कार्तिक माह को विष्णु भगवान का प्रिय माह माना गया है। इस दौरान विष्णु जी की पूजा करने से भक्तों को सुख-समृद्धि और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस माह में तुलसी पूजा का भी विशेष महत्व होता है। कार्तिक माह में तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता है, जो कि एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है।
भगवान शिव की भी इस माह में विशेष रूप से पूजा की जाती है। शिवलिंग पर जल अर्पित करने और दीप जलाने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। कार्तिक माह में सोमवार व्रत रखने का विशेष महत्व है, जिससे व्यक्ति के जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन होता है।
इस माह में प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना अत्यंत शुभ माना गया है। इसे कार्तिक स्नान कहा जाता है। स्नान के बाद भगवान विष्णु और शिव की पूजा की जाती है। कार्तिक माह में पूरे माह का व्रत रखना या फिर विशेष दिन जैसे कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन व्रत करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। इस दिन दीपदान करने की भी परंपरा है, जिसे “अखंड दीपदान” कहा जाता है।
कार्तिक माह में तुलसी पूजा को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस माह में तुलसी के पौधे के पास दीप जलाने और उसे जल चढ़ाने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। तुलसी विवाह भी इसी माह में होता है, जो धार्मिक रूप से अत्यंत शुभ माना जाता है। कार्तिक माह का सबसे महत्वपूर्ण दिन कार्तिक पूर्णिमा होता है। इस दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था। इस दिन गंगा स्नान करने और दीपदान करने का विशेष महत्व है।
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