अधूरा रह गया था कर्ण का पहला प्रेम, बाद में इतनी कन्याओं से की थी शादी!

Mahabharat: महाभारत में कई ऐसी कथाएं हैं, जिनके बारे में किसी को पता नहीं है। ज्यादातर लोगों को मालूम नहीं है कि दानवीर कर्ण की प्रेमिकाएं कौन थीं और उन्होंने किससे विवाह किया था। आज हम कर्ण की पत्नियों के बारे में जानेंगे।

द्रौपदी से करना चाहते थे विवाह

कर्ण कुंती पुत्र थे वो पांचों पांडवों के बारे भाई थे लेकिन उन्हें अधिरथ और राधा ने पाला था। अधिरथ और राधा सूत दंपति थे। उन्होंने कर्ण का लालन-पालन किया इस वजह से उन्हें सूतपुत्र कहा जाता है। राधा के कारण उन्हें राधेय भी कहा जाता है। माना जाता है कि राजा द्रुपद की पुत्री द्रौपदी को कर्ण पसंद करते थे। वो स्वयंवर जीतकर उनसे विवाह करना चाहते थे परन्तु सूत पुत्र होने के कारण द्रौपदी ने उनका वरण नहीं किया।

किससे हुआ था कर्ण को प्रेम

द्रौपदी के स्वयंवर से लौटने के दौरान रास्ते में उनकी मुलाकात राजा चित्रवत की पुत्री अंसावरी और उनकी सहेली पद्मावती से हुई। अंसावरी ने कर्ण को अपने राजभवन में बुलाया जहां दोनों को एक दूसरे से प्रेम हो गया। अंसावरी के पिता ने सूत पुत्र होने की वजह से अपनी पुत्री की शादी कर्ण से नहीं करवाई। बाद में पद्मावती ने कर्ण से अपने प्रेम का इजहार किया। कर्ण ने पद्मावती से विवाह कर लिया।

वृषाली और पद्मावती से विवाह

कर्ण की एक पत्नी वृषाली थीं। वृषाली से उन्हें वृषसेन, सुषे, वृषकेत नाम के तीन पुत्र हुए। वृषाली उनके सारथी सत्यसेन की बहन थी। कहा जाता है कि कर्ण की मृत्यु के पश्चात् वृषाली ने पति के चिता पर ही समाधि ले ली। वृषाली ने एक समय द्रौपदी को भी महल छोड़कर पिता के पास लौट जाने की सलाह दी थी लेकिन पांचाली ने उनकी बात नहीं मानी। बाद में द्रौपदी का चीरहरण हो गया था। कर्ण की दूसरी पत्नी पद्मावती को सुप्रिया भी कहा जाता है। उनसे उन्हें चित्रसेन, सुशर्मा प्रसेन और भानुसेन नाम के पुत्र हुए।

इन जगह पर काला धागा बांधने से मिलेगा बीमारियों और कमजोर ग्रहों से छुटकारा

Tags

DraupadikarnaMahabharat
विज्ञापन