Ganesh Chaturthi 2018: कलंक चतुर्थी के दिन ना करें चाँद देखने की भूल, वरना झेलनी पड़ेगी मुसीबतें

Ganesh Chaturthi 2018: 12 सितंबर को कलंक चतुर्थी शुरु हो रही है इस दिन चाँद को देखना अशुभ होता है. जानिए किस वजह से चांद को देखना होगा अशुभ और किस तरह आप इस कंलक से बच सकते हैं, साथ ही कलंक चतुर्थी के दिन किस मंत्र से आप चंद्रमा का दीदार कर सकते हैं जानिए.

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Ganesh Chaturthi 2018: कलंक चतुर्थी के दिन ना करें चाँद देखने की भूल, वरना झेलनी पड़ेगी मुसीबतें

Aanchal Pandey

  • September 12, 2018 1:55 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली.कलंक चतुर्थी 2018, चाँद को निहारते रहना किसे पसंद नहीं है. खासतौर से प्रेमी जोड़ो को रात में साथ बैठकर चांदनी रात में चांद को देखना बहुत अच्छा लगता है, क्योंकी उस रात चाँद सबसे सुंदर नजर आता है. इस बात को चांद भी समझता हैं कि उसकी खूबसूरती लोगों को आकर्षित करती है. लेकिन चांद की यही खूबसूरती उसके लिए सजा बन गई और अंजाम ये हुआ कि अब हर साल एक दिन आप चांद का दीदार नहीं कर पाएंगे. बता दें कि, अगर इस रात आपने चांद को देखा तो पूरे साल आपको एक अशुभ परिणाम का सामना करना पड़ सकता है. वह रात है इस साल की 12 सितंबर की रात, इस रात आपको चांद को देखना अशुभ होगा.

कलंक चतुर्थी 2018: चंद्रमा को लगा शाप
बता दें कि, चंद्रमा को भाद्र मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन गणेशजी ने शाप दिया था कि आपका क्षय हो जाएगा. और आपको जो भी देखेगा उसे झूठा कंलक लगेगा. इस शाप का कारण यह हुआ कि गणेशजी कहीं से भोजन करके आ रहे थे तो रास्ते में उनके सामने चंद्रमा आ गए. गणेशदी के बड़े उदर और सूंड को देखकर चंद्रमा हंसने लगे. चंद्रमा के इस व्यवहार से गणेशजी को गुस्सा आ गया. और गुस्से में आकर गणेश जी ने चंद्रमा को कहा कि तुम्हें अपने रुप का अंहकार हो गया इसलिए तुम्हें मैं क्षय होने का शाप देता हूं.

कलंक चतुर्थी 2018: मृत्यु की ओर बढने गले चंद्रमा लेकिन
गणेश जी ते शाप के कारम चंद्रमा का हर दिन क्षय होने लगा. चंद्रमा का तेज हर दिन कम होने लगा और वो मृत्यु की और जाने लगे. चंद्रमा की ये स्थिति देखकर देवताओं ने उन्हें भगवान शिव की तपस्या करने के लिए कहा. चंद्रमा गुजरात के समुद्रतट पर रेत के शिवलिंग की तपस्या करने लगे. चंद्रमा की तपस्या से भगवान शिव प्रकट हुए और उनके सिर पर बैठकर मृत्यु से बचा लिया.

कलंक चतुर्थी 2018: इसलिए अब एक दिन चंद्रमा के देखना अशुभ
गणेशजी भी चंद्रमा की माफी से खुश हुए और कहा कि शॉप पूरी कपह से खत्म नहीं होगा. इसे मैं कम जरुर कर सकता हूं. अब से आपका हर दिन क्षय होगा और फिर 15 दिन बाद आप अपने पूर्ण रुप में आ जाएंगे. अबसे आपको पूरे साल लोग देख सकेंगे लेकिन भाद्रशुक्ल चतुर्थी तिथि के दिन जो कोई भी आपको देखेगा उसको कलंक लगेगा.

कलंक चतुर्थी और चौठ चंद्र
भाद्र शुक्ल चतुर्थी को देखने से कलंक लगता है इसलिए इसे कलंक चतुर्ती के नाम से भी जाना जाता है. बिहार के कुछ क्षेत्र में इसे चौठ यानी चतुर्थी चंद्र के रुप में मनाया जाता है.

अगर चांद देखना चाहते हो तो इन बातों का रखें ख्याल
शास्त्रों में बताया गया है कि चौठ चंद्र के दिन चांद को देखने से कलंक लगता है लेकिन जो लोग भाद्र मास में हर दिन चांद को देखते हैं तो उनको कलंक नहीं लगता है. जो लोग इस तारिख में चांद को देखना चाहते हैं उन्हें हाथ में फल, मिठाई या दही लेकर चांद को देखना चाहिए. ऐसा करने से चांद दर्शन का अशुभ फल नहीं मिलता है और कलंक भी नहीं लगता.

चौठ चंद्र दर्शन मंत्र
चौठ चंद्र की रात का दर्शन दही हाथ में लेकर करें इस मंत्र से चंद्रमा को प्रणाम.
दधि-शंख-तुषरांभ क्षीरोदार्णवसंभवम्. नमामि शशिनं सोमं शम्भोर्मुकुटभूषणम्
फल मिठाई लेकर चंद्रमा के दर्शन करें इस मंत्र से
सिह: प्रसेनमवधीत सिंहो जाम्बवता हत:. सुकुमारक मा रोदीस्तव होष स्यमन्तक:

चौठ चंद्र पूजन मुहूर्त
12 सितंबर की शाम 4 बदकर 8 मिनट पर तृतीय तिथि समाप्त हो रही है, और चतुर्थी तिथि शुरु होगी. चंद्रमा रात 8 बजकर 38 मिनट पर अस्त होगै. इसलिए पूजा का समय इसी बीच रहेगा. 13 तारिख को चतुर्थी तिथि है लेकिन दोपहर 2 बजकर 52 मिनट के बाद पंचमी तिति लग रही है. इसलिए कलंक चतुर्थी और चौठ चंद्र की पूजा 12 सितंबर को ही शास्त्र सम्मत है.

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