नई दिल्ली, हिंदू परंपरा के अनुसार, तीज के पर्व का बहुत महत्व होता है, इस बार कजरी तीज 14 अगस्त 2022, यानी रविवार को मनाई जाएगी. तीज का उत्सव तीन प्रकार से मनाया जाता है, सबसे पहने तो सावन में हरयाली तीज मनाई जाती है, दूसरी हरतालिका तीज और तीसरी होती है कजरी तीज. कहा जाता है कि तीज के त्यौहार से घर में खुशियां आ जाती हैं.
हिंदू पंचांग के मुताबिक, कजरी तीज भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है. इसे कजली तीज भी कहा जाता है और इसे बड़ी तीज भी कहते हैं. राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और बिहार के कई इलाकों में कजरी तीज को बूढ़ी तीज व सातूड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है, ये महिलाओं का पर्व है और इसे बहुत अच्छे से मनाया जाता है.
कजरी तीज का पर्व भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. तृतीया तिथि 13 अगस्त की रात 12 बजकर 53 मिनट से शुरू होकर 14 अगस्त की रात 10 बजकर 35 मिनट तक रहेगी इसीलिए इस बार कजरी तीज का पर्व 14 अगस्त को ही मनाया जाएगा.
कजरी तीज के दिन सुहागन महिलाओं को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए, इसके बाद इस दिन निर्जल व्रत भी रखना चाहिए, लेकिन अगर कोई महिला गर्भवती हैं तो वह व्रत के दौरान फलाहार कर सकती हैं. कजरी तीज के दिन नीमाड़ी माता की पूजा करनी चाहिए, फिर नीमाड़ी माता को जल, रोली और अक्षत यानी चावल अर्पित करने चाहिए. उसके बाद नीमाड़ी माता को मेंहदी लगाएं, फिर माता को काजल और वस्त्र अर्पित करें और फल-फूल चढ़ाएं, इसके बाद सारा श्रृंगार का सामान चढ़ाएं. आप भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा भी करें. पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और दान-दक्षिणा देना न भूलें.
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