Kajri Teej 2018: कथा सुने बिना कजरी तीज का व्रत है अधूरा, ये है पौराणिक बड़ी तीज व्रत कथा

Kajri Teej 2018: 29 अगस्त को कजरी तीज का त्योहार मनाया जाएगा. कजरी तीज को बड़ी तीज या कजली तीज के नाम से भी जानते हैं. इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना के लिए कजरी माता की पूजा व व्रत कथा करती हैं.

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Kajri Teej 2018: कथा सुने बिना कजरी तीज का व्रत है अधूरा, ये है पौराणिक बड़ी तीज व्रत कथा

Aanchal Pandey

  • August 28, 2018 5:43 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली: कजरी तीज को बड़ी तीज या कजली तीज के नाम से भी जाना जाता है. इस बार कजरी तीज 29 अगस्त को है. इस दिन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत रखती हैं. कजरी तीज पर्व को मुख्यत: उत्तर भारत में धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास रख तीज का व्रत करती हैं. बता दें साल में कुल चार तीज मनाई जाती है. कजरी तीज व्रत कथा पढ़े व सुने बिना यह व्रत पूर्ण नहीं माना जाता. इसीलिए जानें कजरी तीज व्रत कथा.

कजरी तीज व्रत कथा
हिंदू मान्यताओं के अनुसार एक गांव में गरीब ब्राह्मण रहता था. जिसके पास दो समय का भोजन करने के लिए भी पैसे नहीं होते थे. एक दिन ब्राह्मण की पत्नी ने कजरी तीज का व्रत रखा और पति से कहा कि आज मैंने कजरी माता का व्रत किया है. आप कहीं से मेरे लिए चने का सत्तू ले आएं. वहीं ब्राह्मण परेशान था कि वह वह सत्तू कहां से लेकर आए.

ब्राह्मण साहुकार की दुकान पर पहुंचा. जहां साहुकार सो रहा था. ब्राह्मण ने चुपके से दुकान में गया और चने की दाल, घी और शक्कर मिलाकर उसने सवा किलो सत्तू बनाकर लाने लगा. जैसे ही ब्राह्मण समान लेकर बाहर आ रहा था वैसे ही साहुकार उठ गया और सभी चोर चोर चिल्लाने लगे. तभी ब्राह्मण बोला कि मैं चोर नहीं हूं मैं केवल सवा किलो सत्तू लेकर जा रहा हूं. आज मेरी पत्नी ने कजरी तीज का व्रत किया है और उसके लिए पूजा सामाग्री चाहिए. तभी साहुकार ने ब्राह्मण की तालाशी ली तो उसके पास से कुछ नहीं मिला. तभी साहुकार की आंखें नम हो गई और ब्राह्मण से कहता है कि आज से वह तुम्हारी पत्नी को बहन मानता हूं. तभी साहुकार ने ब्राह्मण को गहने पैसे व सामान लेकर विदा किया. तभी से सभी कजरी माता का व्रत करने लगे. कहा जाता है कि इस दिन व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और पति की आयु लंबी होती है.

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