Kajari Teej 2018 Date: हरियाली तीज के बाद अब समय है कजरी तीज का. जानिए कब मनाई जाएगी कजरी तीज और क्या इसका विशेष महत्व? क्या है इससे जुड़ी रोचक कहानी.
नई दिल्ली: हरियाली तीज की तरह ही कजरी तीज का भी विशेष महत्व है इस बार कजरी तीज 28 अगस्त को मनाई जा रहा है. कजरी तीज में शुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है. और कुवारी लड़कियां मनभावन पति के लिए ये व्रत रखती हैं. ये त्यौहार पूरे उत्त भारत और पश्चिम में मनाया जाता है. मुख्य रूप से ये त्यौहार बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात और राजस्थान राज्यों में मुख्य रूप में मनाया जाता है. कजरी तीज श्रवण महीने में बनाया जाता है.
कजरी तीज का महत्व
पौराणिक कथा के अनुसार मध्य भारत के राज्य में कजली या कजरी नाम का एक वन था. कहते हैं वहां के लोग कजली के नाम पर कई सारे गीत गाते थे. एक दिन वहां के राजा की मृत्यु हो गई जिसके बाद उनकी रानी भी सती हो गईं. वहां के लोग इस बात से बड़े ही दुखी रहने लगे. तब से वे कजली के गीत पति और पत्नी के प्रेम से जोड़कर गाने लगे. कजरी तीज पर सुहागन औरतें कजरी खेलने अपने मायके जाती हैं.
कजरी तीज में समारोह
कजरी तीज में माता पर्वती की मूर्ति का जुलूस निकलता है. लड़किया घूमर नृत्य भी करती है. विवाहित महिलाएं इस दिन पतियों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करती हैं. पूजा में दीपक भी जलाया जाता है. और ये कोशिश रहती है कि दीपक पूरी रात जले. महिलाएं हाथ में मेंहदी लगाती हैं और साफ कपड़े पहनती है व पूरा श्रृंगार करती है.
पूजा में क्या भोजन करना चाहिए
कजरी तीज के दिन अच्छे अच्छे पकवान बनाए जाते हैं. जैसे मालपुवा और घेवर के कई विशेष व्यंजन भी तैयार किए जाते हैं. माता पार्वती के सामने गाना गाते हैं और नृत्य करते हैं. ये पर्व बहुत शुभ माना जाता है. चारों तरफ हरियाली ही हरियाली रहती है महिलाएं इस दिन झूला झूलती है और गीत गाती है. पेड़ो में बहुत सुदंर फूल होते है और पूरा वातावर्ण बहुत सुदंर लगता है.
Hariyali Teej 2018: 13 अगस्त को है हरियाली तीज, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा
कजरी तीज पर सुहागन पत्नी अपने पति के लिए इस तरह से करें पूजा