Jyeshtha Purnima 2018: अधिकमास की पूर्णिमा का खास महत्व होता है. इस माह भगवान भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. इस माह में पूर्णिमा के दिन सहदेवी का पौधा का पौधा लगाना बेहद शुभ माना जाता है.
नई दिल्ली. अधिकमास पूजा, अर्चना व धर्मिक कार्यों के लिए जाना जाता हैं. इस माह की एकादशी व पूर्णिमा भी सालभर में सबसे महत्वपूर्ण होती है. अधिकमास को इन सभी के अलावा तंत्र सिद्धियों के लिए भी खास माना जाता है. अधिकमास में तंत्र विद्या के अनुरुप ऐसे कई काम होते हैं जो सिर्फ इसी माह में किए जाते हैं. हिंदू शास्त्र के मुताबिक ये माह 3 साल में एक बार आता है और इसे मालामास के नाम से भी जाना जाता है.
इस माह में पूर्णिमा 29 मई को पड़ रही है. जिसे तांत्रिक सिद्धि के अनुसार काफी महत्वपूर्ण है. वैसे तो अमावस्या के दिन ही तंत्र विद्या का प्रयोग किया जाता है लेकिन अधिकमास की पूर्णिमा के दिन भी तंत्र विद्या के काम किए जाते हैं. तीन साल में एक बार आने की वजह से इस दिन का काफी शुभ माना जाता है. इस माह की एकादशी और पूर्णिमा खास होती है. अधिकामास की एकादशी को पद्मिनी या कमला एकादशी कहा जाता है.
इस बार अधिकमास की पूर्णिमा 29 मई 2018 मंगलवार को पड़ रही है. पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त व आरंभ तिथि की बात करें तो यह 28 मई को सायं 8 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर 29 मई को सायं 7 बजकर 49 मिनट तक रहेगी. ज्योतिष के अनुसार, कहा जाता है कि इस दिन सहदेवी का पौधा लगाने बेहद शुभ होता है. इसे चमात्कारी पौधा बताया जाता है. इसे गांवों में इसे सहदेई भी कहा जाता है. इस माह में पौधों और जड़ी-बूटियों की पूजा कर धन के लिए कामना की जाती है. हिंदू धर्मशास्त्र के अनुसार पूर्णिमा के दिन इस पौधा को घर में लगाने से सुख समृद्धि और शांति बनी रहती है.
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