Ramayan: पौराणिक कथाओं के अनुसार देवताओं के राजा इंद्र स्वर्ग लोक में वास करते हैं। इंद्र के स्वर्ग में कई सुंदर अप्सराएं हैं, जिससे वो घिरे होते हैं और उनके साथ क्रीड़ा करते हैं। वैसे तो इंद्र देवताओं के देव हैं लेकिन फिर भी उनकी पूजा नहीं की जाती। इसके पीछे कई वजह है, जिसमें […]
Ramayan: पौराणिक कथाओं के अनुसार देवताओं के राजा इंद्र स्वर्ग लोक में वास करते हैं। इंद्र के स्वर्ग में कई सुंदर अप्सराएं हैं, जिससे वो घिरे होते हैं और उनके साथ क्रीड़ा करते हैं। वैसे तो इंद्र देवताओं के देव हैं लेकिन फिर भी उनकी पूजा नहीं की जाती। इसके पीछे कई वजह है, जिसमें सबसे प्रमुख है कि देवता होने के बाद भी इंद्र कामवासना में लिप्त रहते थे।
पुराणों के मुताबिक इंद्र के शरीर पर ढेर सारी आंखें हैं। कहा जाता है कि ऋषि गौतम की पत्नी अहिल्या से संबंध बनाने के कारण उन्हें श्राप मिला था। श्राप के कारण उनके पूरे शरीर पर योनियां उभर आईं थी, जो बाद में आंख बन गई।आइए जानते हैं, इस पौराणिक कथा के बारे में…
ब्रह्मवैवर्त और पद्मपुराण के अनुसार एक बार देवराज इंद्र भ्रमण कर रहे थे। तभी उनकी नजर एक ऋषि की कुटिया पर पड़ी जो कि महान तपस्वी ऋषि गौतम की थी। इंद्र ने ऋषि की पत्नी अहिल्या को देखा तो कामुक हो गया और संबंध बनाने के बारे में सोचने लगा। इंद्र लोक में कई अप्सराएं थीं, जिसके साथ देवराज सहवास कर सकते थे लेकिन अहिल्या को देखकर उसका मन पूरी तरह से डगमगा गया।
एक बार इंद्र भ्रमण पर निकले। आसमान से उनकी नजर जंगल में बने एक ऋषि की कुटिया पर पड़ी। उस कुटिया में उन्होंने एक बहुत ही सुंदर स्त्री को देखा। इंद्र उस महिला को देखकर मोहित हो गए। उनसे रहा नहीं गया। ये कुटिया महान तपस्वी गौतम ऋषि की थी। जिस स्त्री को देखकर इंद्र मोहित हुए वो गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या थीं। इंद्र अब अहिल्या के साथ संबंध बनाने की योजना के बारे में सोचने लगा। उसने गौतम ऋषि की दिनचर्या पर ध्यान दिया। वो रोज सुबह जल्दी उठकर नदी की तरफ जाते थे और 2-3 घंटे बाद लौटते थे।
एक दिन इंद्र ने छल से कृत्रिम सुबह बनाया। गौतम ऋषि नदी की तरफ चल गए तभी इंद्र उनका भेष धारण करके कुटी में आ गया और अहिल्या के साथ शारीरिक संबंध बना लिए। दूसरी तरफ ऋषि को आभास हो गया कि ये सब छलावा है। वो अपनी कुटी में लौट आए। यहां आने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी को पर पुरुष के साथ सोते हुए देखा तो क्रोधित हो गए। ऋषि गौतम ने उसी समय अहिल्या को पत्थर का हो जाने का श्राप दे दिया। साथ ही इंद्र को श्राप दिया कि उनके पूरे शरीर पर योनियां उभर आएंगी। इसी के कारण इंद्र के शरीर पर योनियां हो गईं हालांकि बाद में ऋषि ने उसे आंखों के बदल दिया। बाद में श्री राम ने माता अहिल्या को छूकर पत्थर की मूर्ति से आजाद कराया था।
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