Independence Day 2018 15 August: देश में खासतौर पर उत्तर भारत में 15 अगस्त को पतंगबाजो की मौज रहती है. जानिए क्यों आजादी के दिन पतंगबाजों में क्रेज रहता है और कहां से शुरू हुआ है ये रिवाज.
नई दिल्ली: देश में खासतौर पर उत्तर भारत में 15 अगस्त को पतंगबाजो की मौज रहती है. इस दिन सारे लोग बच्चों से लेकर जवान तक सब पतंगबाजी में डूब से जाते है. लोग अपने-अपने घरों की छतों पर चढ़कर पतंग उड़ाने का मजा लेते हैं. घंटों हाथ में माझा लेकर पंतग उड़ाते रहते हैं. वैसे तो पतंग उड़ाने का कोई खास पर्व नहीं होता पर आजादी के दिन लोग पतंग जरूर उड़ाते हैं.
आजादी के दिन उत्तर भारत में पतंगबाजी का खास रिवाज होता है. हालाकि 15 अगस्त के अलावा लोग मगर संक्रांति के दिन भी पतंग उड़ाते हैं. खासतौर पर दिल्ली, लखनऊ और पूरे गुजरात में पतंग उड़ाने का रिवाज पुराना है. मार्केट में कई अलग अलग तस्वीरों वाली पतंग मिलती है. जैसे राजनेताओं की तस्वीरों के अलावा बाजार में सरकार की, बॉलीवुड के अभिनेता एवं अभिनेत्रियों, कार्टूनों, तिरंगो की तस्वीर वाली पतंगें मिलती है.
Independence Day 2018 कुछ रोचक बातें–
पतंग उड़ाने का शौक तो बहुत पुराना है. लोगों के अनुसार चीन के बौध्द तीर्थयात्रियों के द्वारा पतंगबाजी भारत में पहुची.स्वतंत्रता दिवस के दिन और रक्षाबधन के दिन लोग खूब पतंग उड़ाते हैं. लोग आसमान में पतंग उड़ाकर खुशी का इजहार करते है. इन शहरों में पतंग बहुत उड़ाई जाती है दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश में जमकर पतंगबाजी की जाती है. काटा, कट गई, लूटो, पकड़ो और आई पो का शोर पूरे दिन मचा रहता है. अहमदाबाद की पतंगबाजी काफी फेमस है इस दिन आसमान इंद्रधनुषी रंगों का दिखता है. साथ ही हैदराबाद और लाहौर में भी पतंगबाजी का खेल खेला जात है. इतिहास की बात करें तो पतंगबाजी लगभग 2500 वर्ष पुरानी है. वहीं ज्यादा तर लोगों का मनना है कि पतंगबाजी की शुरूआत चीन से हुई थी.
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