नई दिल्ली : भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है.इस एकादशी का व्रत करने से मनोकमनाएं पूरी होती है. श्री हरी का ये व्रत करने से तमाम पापो से मुक्ती मिलती है. तथा श्री हरी की कृपा बानी रहती है. परिवर्तिनी एकादशी का व्रत गणेश चतुर्थी के समय आता है, जिससे श्री हरी के साथ श्री गणेश की भी कृपा मिलती है.इस व्रत मे भगवान विष्णु के वामन स्वरूप की उपासना की जाती है.
भाद्रपद शुक्ल परिवर्तिनी एकादशी तिथि 25 सितंबर को सुबह 07 बजकर 55 मिनट पर शुरू होगी.और इसका समापन 26 सितंबर को सुबह 05 बजकर 12 मिनट पर होगा.व्रत रखने का शुभ मुहूर्त 25 सितंबर का होगा . पूजन का शुभ समय सुबह 09.12 बजे से सुबह 10.42 बजे तक रहेगा.
सुबह उठ कर स्नान करे और सूर्य देव को जल अर्पित करें .कोशिश करें की पीले वस्त्र ही पहनें पीले वस्त्र और वस्तुओं को शुभ माना जाता है और श्री हरी विष्णु को पीली चीजें ही अर्पित की जाती है.श्री हरी की और गणेश जी की उपासना करें . तथा उनको पंचामृत और तुलसी का भोग लागएं . पहले गणेश जी की फिर श्री हरी का मंत्र जाप करे.दिन भर का व्रत करें और एक समय फलाहार करें.
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