नई दिल्ली : हिंदू धर्म में दिवाली के बाद आने वाले छठ के त्योहार का विशेष महत्व माना जाता है। छठ पर्व भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इसे खास तौर पर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया को […]
नई दिल्ली : हिंदू धर्म में दिवाली के बाद आने वाले छठ के त्योहार का विशेष महत्व माना जाता है। छठ पर्व भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इसे खास तौर पर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित चार दिवसीय पर्व है। इस पर्व में महिलाएं अपनी संतान की खुशहाली के लिए व्रत रखती हैं और सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं। इस पर्व में 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है।
कार्तिक मास की शुक्ल षष्ठी को छठी मैया को अर्घ्य दिया जाता है। 4 दिवसीय इस पर्व में नहाय खाय की परंपरा से इस पर्व की शुरुआत होती है और चौथे दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ ही यह व्रत समाप्त होता है। छठ पूजा का पावन पर्व बस आने ही वाला है और इस पर्व में ढेर सारी पूजन सामग्री की जरूरत होती है। आइए जानते हैं छठ पूजा के दौरान किन महत्वपूर्ण पूजन सामग्रियों की जरूरत होती है ताकि आपसे गलती से कोई पूजन सामग्री छूट न जाए।
लोक आस्था का महापर्व छठ 5 नवंबर से शुरू होगा। भगवान सूर्य और छठी मैया को समर्पित महापर्व छठ हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। इस बार यह पूजा 5 नवंबर से शुरू होगी, जो 8 नवंबर की सुबह अर्घ्य देने के साथ पूरी होगी।
पंचांग के अनुसार, इस साल 2024 में षष्ठी तिथि गुरुवार, 7 नवंबर को सुबह 12:41 बजे शुरू होगी और शुक्रवार, 8 नवंबर को सुबह 12:34 बजे समाप्त होगी। छठ पूजा को पूरा करने के लिए 7 नवंबर को शाम का अर्घ्य और 8 नवंबर को सुबह का अर्घ्य दिया जाएगा। इसके बाद व्रत तोड़ा जाएगा।
छठ पूजा का पहला दिन, 5 नवंबर, 2024 – नहाय खाय।
छठ पूजा का दूसरा दिन, 6 नवंबर 2024- खरना।
छठ पूजा का तीसरा दिन, 7 नवंबर 2024- डूबते सूर्य को अर्घ्य।
छठ पूजा का चौथा दिन, 8 नवंबर 2024- उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन।
छठ व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए नई साड़ी पहनने की परंपरा है, घर के पुरुषों को भी नए कपड़े पहनने चाहिए।
लकड़ी और टोकरियाँ
छठ पूजा में बांस से बनी छलनी और दो बांस की टोकरियाँ चाहिए। इनमें छठ पूजा का प्रसाद रखा जाता है।
नए बर्तन
पूजा सामग्री में एक गिलास, एक लोटा और एक प्लेट भी शामिल होनी चाहिए।
गन्ना
छठ पूजा में गन्ने की भी खास जरूरत होती है। इसलिए छठ पूजा के लिए 5 गन्ने रखें। ध्यान रखें कि जिन गन्ने के पत्ते टूटे हुए हों, उनका इस्तेमाल पूजा में नहीं करना चाहिए।
फल और सब्जियाँ
छठ पूजा में फलों की भी खास जरूरत होती है। फलों में आम, अनानास, सेब, संतरा, केला, अंगूर, खरबूजा, तरबूज आदि शामिल हैं। सब्जियों में सिंघाड़ा, शकरकंद, आलू, गाजर आदि शामिल हैं।
खाद्य पदार्थ और मिठाइयाँ
छठ पूजा में गेहूँ और चावल का आटा भी रखा जाता है। छठ पूजा में शहद, गुड़ और मिठाइयों की भी ज़रूरत होती है।
पूजा सामग्री
दूध और जल, धूप और अगरबत्ती, दीपक और सरसों का तेल, गन्ना (पत्ते सहित), पान, सुपारी, सिंदूर और कुमकुम, हल्दी की गांठ, लौंग और इलायची।
अन्य सामग्री
इसके अलावा पूजा सामग्री में ठेकुआ, हल्दी, मूली, अदरक, शरीफा, नाशपाती और बड़ा मीठा नींबू, चावल, पान और सुपारी भी रखनी चाहिए।
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