नई दिल्ली : भारत में सनातन धर्म में करवा चौथ की बहुत मान्यता हैं. इस दिन सभी सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इस दिन का बहुत महत्त्व है. कहा जाता है इस दिन जो सुहागिन स्त्री अपने पति के लिए निर्जला व्रत रखती है और सभी 16 […]
नई दिल्ली : भारत में सनातन धर्म में करवा चौथ की बहुत मान्यता हैं. इस दिन सभी सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इस दिन का बहुत महत्त्व है. कहा जाता है इस दिन जो सुहागिन स्त्री अपने पति के लिए निर्जला व्रत रखती है और सभी 16 श्रृंगार के साथ पूजा अर्चना करती है उससे उसका सुहाग कभी भी दूर नहीं होता और उसके पति को दीर्घ आयु का वरदान प्राप्त होता है. आज हम आपको करवा चौथ की व्रत पूजा विधि बताने वाले हैं और वो सभी गलतियां जो आपको नहीं करनी चाहिए.
करवा चौथ व्रत की पूजा करने करने के लिए आपको सबसे पहले जल से भरा लोटा और एक करवे में गेहूं भरकर रखना है.
दीवार या कागज पर पूजा के लिए चंद्रमा और उसके नीचे भगवान शिव और कार्तिकेय की तस्वीर को बना लें.
इस दिन विवाहित स्त्रियां निर्जला व्रत करती हैं. अगर संभव ना हो तो आप फलाहार भी कर सकती हैं.
करवा चौथ वाले दिन सुबह से लेकर चंद्रोदय तक व्रत रखना होता है और रात में चंद्रदर्शन के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पारण करना होगा।
चंद्रमा को अर्घ्य देते समय महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए प्रार्थना करें.
व्रत पूरा होने के बाद सुहागिन महिलाएं जल और भोजन ग्रहण कर सकती हैं.
हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है. कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि इस साल (2022 को) 13 अक्टूबर, गुरुवार के दिन पड़ रही है. चतुर्थी तिथि की शुरुआत 13 अक्टूबर को देर रात को 1 बजकर 59 मिनट से होगी और वहीं चतुर्थी तिथि का समापन 14 अक्टूबर को तड़के 3 बजकर 8 मिनट पर होने वाला है. इस साल चंद्रोदय व्यापिनी मुहूर्त भी 13 अक्टूबर को ही प्राप्त हो रहा है. ऐसे में करवा चौथ भी इसी दिन मनाया जाएगा.
इस साल करवा चौथ पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 54 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 09 मिनट तक रहने वाला है. यानी करवा चौथ की पूजा के लिए आपको 1 घंटे और 15 मिनट का समय मिलेगा. इस दिन इसी शुभ मुहूर्त पर करवा चौथ की पूजा करना बेहतर रहेगा. बता दें, करवाचौथ के दिन चंद्रोदय का समय रात 8 बजकर 09 मिनट है.
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