कैसे समुद्र में 300 फीट नीचे डूबी श्री कृष्ण की नगरी द्वारका? जानें पूरी कथा

नई दिल्ली: इस समय सभी लोग भगवान कृष्ण की भक्ति में डूबे में है। कल यानी 26 अगस्त को पूरा देश हर्षो उल्लास से कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार मनाएगा। आज हमको बताएंगे कि कैसे श्री कृष्ण की नगरी द्वारका के रोचक रहस्य बताएंगे।

द्वारका धाम गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र में अरब सागर के पास स्थित है। भगवान कृष्ण की द्वारका नगरी के डूबने के बारे में कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। आइए जानते हैं भगवान कृष्ण की द्वारका नगरी के डूबने के पीछे क्या कारण था? दरअसल, भगवान कृष्ण की द्वारका नगरी के डूबने के दो मुख्य कारण हैं।

गांधारी ने दिया था श्राप

पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण ने लोगों पर जरासंध द्वारा किए जा रहे अत्याचारों को रोकने के लिए मथुरा छोड़ दिया था। भगवान श्रीकृष्ण ने समुद्र तट पर अपनी दिव्य नगरी बसाई थी। इस नगर का नाम द्वारका रखा गया। माना जाता है कि महाभारत के 36 साल बाद द्वारका नगरी समुद्र में डूब गई थी।

महाभारत का युद्ध समाप्त होने के बाद जब हस्तिनापुर में युधिष्ठिर का राज्याभिषेक हो रहा था, तब श्रीकृष्ण भी वहां मौजूद थे। तब कौरवों की मां, गांधारी ने महाभारत युद्ध के लिए श्रीकृष्ण को दोषी ठहराया और भगवान श्रीकृष्ण को श्राप दिया कि यदि मैंने सच्चे मन से अपने आराध्य की पूजा की है और पत्नी होने का कर्तव्य निभाया है, तो जिस प्रकार मेरे कुल का नाश हुआ है, उसी प्रकार तुम्हारा कुल भी तुम्हारी आंखों के सामने नाश हो जाएगा। कहा जाता है कि इसी श्राप के कारण श्रीकृष्ण की द्वारका नगरी जल में डूब गई थी।

 

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