नई दिल्ली: हिंदू धर्म में होली के त्योहार का बहुत महत्व है. इस त्योहार की शुरुआत होलिका दहन से होती है. होली से एक दिन पहले होलिका दहन की तैयारी की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में होलिका दहन बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. बता दें […]
नई दिल्ली: हिंदू धर्म में होली के त्योहार का बहुत महत्व है. इस त्योहार की शुरुआत होलिका दहन से होती है. होली से एक दिन पहले होलिका दहन की तैयारी की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में होलिका दहन बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. बता दें कि कुछ स्थानों पर होलिका दहन को छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है. इस साल होलिका दहन 24 मार्च और होली 25 मार्च को होगी. होलिका दहन के दिन होलिका की अग्नि में कुछ विशेष वस्तु अर्पित करने से सारी परेशानियां जलकर राख हो जाती हैं. तो ऐसे में आइए जानते हैं कि होलिका की पवित्र अग्नि में कौन सी चीजें डालनी चाहिए…
आप जिस भी व्यक्ति की लंबी आयु की कामना चाहते हैं तो उसकी लंबाई के बराबर काला धागा नाप कर 2 से 3 बार लपेटकर तोड़ लें, फिर इस धागे को होलिका दहन की अग्नि में डाल दें. मान्यता है कि इससे सारी बलाएं दूर हो जाती हैं और व्यक्ति की आयु लंबी होती है.
अगर किसी के विवाह में देरी हो रही है और शादी में बार-बार अड़चन आ रही है तो होलिका की अग्नि में हवन सामग्री को घी में मिलाकर डाल दें, इससे विवाह में आ रही बाधाएं खत्म हो जाती हैं.
अगर पति-पत्नी के रिश्ते में मनमुटाव चल रहा है तो इसके लिए घी में 108 बाती को भिगोएं और इसे एक-एक कर परिक्रमा करते हुए होलिका की अग्नि में डालें, इससे दांपत्य जीवन में मधुरता आती है.
होलिका दहन के दिन काली सरसों से बने उबटन को लगाने के बाद उसकी मैल को अपने ऊपर से 7 बार उतार कर जलती हुई होलिका की आग में डाल दें, इससे व्यक्ति के जीवन में आने वाली सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं और व्यक्ति का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है.
बता दें कि आप रुपये-पैसों की समस्याओं से परेशान हैं तो होलिका दहन की अग्नि में घी में भिगोए हुए 2 बताशे, 2 लौंग और 1 पान पत्ते को डाल दें. इन चीजों को होलिका की अग्नि में अर्पित करने से आर्थिक संकट दूर हो जाता है. इसके साथ होलिका दहन की अग्नि में अनाज की आहुति देने से घर पर सुख-समृद्धि बनी रहती है.
Holika Dahan Shubh Muhurat: आज होलिका दहन, जानें इसके महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजाविधि