नई दिल्ली : होली हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है. बसंत का महीना आते ही इंतजार शुरू हो जाता है. फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की रात को होलिका दहन किया जाता है और उसके अगले दिन होली मनाई जाती है. हिंदू धर्म के मुताबिक होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का […]
नई दिल्ली : होली हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है. बसंत का महीना आते ही इंतजार शुरू हो जाता है. फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की रात को होलिका दहन किया जाता है और उसके अगले दिन होली मनाई जाती है. हिंदू धर्म के मुताबिक होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. होली एक सांस्कृतिक, धार्मिक और पारंपरिक त्योहार है, और उनकी विविध गंभीरता और उत्साह पूरे भारत में देखा जा सकता है कि होली भाईचारे, आपसी प्रेम और सद्भावना का त्योहार है. इस दिन लोग एक-दूसरे पर फूल बरसाते हैं, घर में गुझिया और पकवान बनाए जाते हैं. लोग एक दूसरे के घर जाते हैं, रंग लगाते हैं और एक दूसरे को छुट्टी की बधाई देते हैं. तो ऐसे में आइए जानते हैं इस साल होली की सही तारीख और शुभ समय क्या है….
फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन और उसके अगले दिन होली मनाई जाती है, और इस वर्ष की फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 9:54 बजे शुरू होगी. ये तिथि दोपहर 12:29 बजे समाप्त होगी, फिर अगले दिन 25 मार्च होली है. बता दें कि इस बार होलिका दहन का शुभ समय रात 11:13 बजे से 12:27 बजे तक है, और ऐसे में होलिका दहन की कुल अवधि 1 घंटा 14 मिनट है.
1. होलिका दहन की पूजा करने के लिए सबसे पहले स्नान करना जरूरी है.
2. स्नान के बाद होलिका की पूजा वाले स्थान पर उत्तर या पूरब दिशा की ओर मुंह करके बैठ जाएं.
3. पूजा करने के लिए गाय के गोबर से होलिका और प्रहलाद की प्रतिमा बनाएं.
4. वहीं पूजा की सामग्री के लिए रोली, फूल, फूलों की माला, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी,.मूंग, बताशे, गुलाल नारियल, 5 से 7 तरह के अनाज और एक लोटे में पानी रख लें.
5. इसके बाद इन सभी पूजन सामग्री के साथ पूरे विधि-विधान से पूजा करें। मिठाइयां और फल चढ़ाएं.
6. होलिका की पूजा के साथ ही भगवान नरसिंह की भी विधि-विधान से पूजा करें और फिर होलिका के चारों ओर सात बार परिक्रमा करें.
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