Holi 2022 नई दिल्ली, हिन्दू पंचांग के मुताबिक, फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन होता है और उसके अगले दिन चैत्र माह की प्रतिपदा पर रंगों वाली होली (Holi 2022) खेली जाती है. इस साल 17 मार्च गुरुवार को होलिका दहन होगा और 18 मार्च को रंगों वाली होली खेली […]
नई दिल्ली, हिन्दू पंचांग के मुताबिक, फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन होता है और उसके अगले दिन चैत्र माह की प्रतिपदा पर रंगों वाली होली (Holi 2022) खेली जाती है. इस साल 17 मार्च गुरुवार को होलिका दहन होगा और 18 मार्च को रंगों वाली होली खेली जाएगी. होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. रंगों के इस त्यौहार को उत्साह और प्रेम के साथ मनाया जाता है, ऐसे में अगर होली पर कुछ उपाय किए जाएं तो धन या आर्थिक लाभ भी हो सकता है.
बता दें होली से पहले वाले समय को साल का सबसे अशुभ समय माना जाता है. इस अशुभ समय को होलाष्टक भी कहा जाता है, होली जलने के 7 दिन पहले से ही होलाष्टक शुरू होता है.
हिंदू वर्ष के आखिरी महीने की आखिरी पूर्णिमा को देश में होली मनाई जाती है, इस बार होलाष्टक 10 मार्च को सुबह 02:56 बजे से शुरू हुए हैं, जो 18 मार्च को 12.35 मिनट पर होलाष्टक खत्म होंगे.
होलाष्टक को अशुभ समय माना जाता है, इस दौरान पेड़ की शाखा को काट कर जमीन पर लगाते हैं और उस पर रंगीन कपड़ा बांध देते हैं, साथ ही इस दौरान टोटकों का भी काफी महत्व है, होली पर गेहूं की बालियां, कंडे आदि भस्म किए जाते हैं, साथ ही गोमती चक्र का पूजा पाठ भी किया जाता है, इससे धन लाभ होने की मान्यता है.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक विश्वास और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.)