होली रंगों का त्योहार है, और रंगों से ही इसका असली मजा है। रंगों का इस्तेमाल केवल मस्ती या मजे के लिए ही नहीं किया जाता, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से भी इन रंगों का विशेष महत्व है।
जानिए इन रंगों का महत्व
- लाल रंग: लाल रंग ऊर्जा, साहस, महत्वाकांक्षा, क्रोध, उत्तेजना, उत्साह और पराक्रम का प्रतीक है। वहीं इस रंग को प्रेम और कामुकता का प्रतीक भी माना जाता है।लाल रंग द्वारा रक्त व हृदय संबंधी समस्याओं और मानसिक क्षीणता, आत्मविश्वास की कमी जैसी समस्याओं को हल किया जाता है। वहीं धार्मिक दृष्टि से भी लाल रंग का अत्यधिक महत्व है। देवी साधना में यह बेहद महत्वपूर्ण है।
- सफेद: सफेद रंग शांति और शुद्धता का प्रतीक है। यह अशांत मन को शांति प्रदान करता है, विद्या प्राप्ति में सहायता करता है और जीवन में सकारात्मकता का संचार कर मन और मस्तिष्क में सात्विकता प्रदान कर शुद्ध करता है। अत्यधिक क्रोधी स्वभाव के लोगों के लिए यह रंग बेहद सकारात्मक है।
- हरा: हरा रंग शीतलता, ताजगी, हरियाली, सकारात्मकता, अपरिवर्तनशीलता, गौरव, प्रसन्नता का प्रतीक है। यह तनाव दूर कर, नाड़ी संबंधी रोगों, लिवर, आंत के रोगों एवं रक्त शोधन के लिए महत्वपूर्ण है। यह आत्मविश्वास, प्रसन्नता और शीतलता प्रदान करता है।इसे बुद्धि का रंग भी कहा जाता है। हरा रंग सौभाग्य और समृद्धि का भी सूचक है।
- नीला: नीला रंग प्रेम, कोमलता, विश्वास, स्नेह, वीरता, पौरुषता को दशार्ता है। यह रक्तचाप, सांस संबंधी रोगों व आंखों के लिए फायदेमंद होता है। धार्मिक और ज्योतिष की दृष्टि से भी इस रंग का काफी महत्व है। हल्का नीला यानि आसमानी रंग शरीर में जल तत्व का प्रतिनिधित्व करता है और आध्यात्मिक विकास को दशार्ता है।
- पीला: पीला रंग आरोग्य, शांति, सुकून, योग्यता, ऐश्वर्य और यश को दशार्ता है, वहीं हल्का पीला रंग बीमारी का सूचक है। पित्त व पाचन संबंधी समस्याओं में यह लाभकारी है। पीला रंग युवावस्था को भी दशार्ता है। यह बौद्धिक विकास को भी दशार्ता है और खुशी का अनुभव कराता है। पीला रंग स्पष्टवादिता का भी प्रतीक है।
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