Holi 2020 Date Calendar: अगले साल 2020 में होलिका दहन यानी कि छोटी होली 9 मार्च और बड़ी होली, जिसे धुलेंडी भी कहते हैं 10 मार्च को मनाई जाएगी. होली के त्योहार का सभी लोग बड़ी ही बेसब्री से इंतजार करते हैं. आईए जानते हैं 2020 में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त.
नई दिल्ली. Holi 2020 Date Calendar: रंगों का त्योहार यानी कि होली 2020 हिन्दुओं के सबसे पावन त्योहारों में से एक है. होली 2020 का पर्व देशभर में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल की होली के त्योहार तो हम मना चुके हैं, अब बारी है अगले साल आने वाली होली की. अगले साल 2020 में होलिका दहन यानी कि छोटी होली 9 मार्च और बड़ी होली, जिसे धुलेंडी भी कहते हैं 10 मार्च को मनाई जाएगी. आईए जानते हैं 2020 में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त.
होली का त्योहार ना सिर्फ भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग रूप से मनाया जाता है. होली 2020 फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है. होली को रंगों का त्योहार कहा जाता है. इस दिन दुश्मन भी एक दूसरे के गले लगकर अपनी दुश्मनी को भूल जाते हैं. होली का त्योहार दो दिन तक मनाया जाता है. होली के पहले दिन होलिका दहन किया जाता है और फिर उसके अगले दिन रंग खेलकर बड़ी होली मनाई जाती है. लोग गुलाल- रंग लगाकर एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं देते हैं. होली के त्योहार का सभी लोग बड़ी ही बेसब्री से इंतजार करते हैं.
अगले साल 2020 में होलिका दहन 9 मार्च (सोमवार) को किया जाएगा. वहीं अगले दिन 10 मार्च (मंगलवार) को रंगवाली होली मनाई जाएगी. इसमें लोग एक दूसरे को रंग लगाकर और गुलाल से होली खेलते हैं. द्रिक पंचांग के अनुसार होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 2 घंटे 24 मिनट तक का है.
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Holika Dahan 2020 Date and Shubh Muhurat: होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
होलिका दहन 2020 शुभ मुहूर्त 9 मार्च
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त- दोपहर 2:47 से रात 8:16 बजे तक
अविध- 2 घंटे 24 मिनट तक
भद्रा पूंछ- 09:36 to 10:38
भद्रा मुख- 10:36 to 12: 19
https://www.youtube.com/watch?v=SuwIFaEeu_E
10 मार्च (रंगावली होली)
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 7 मार्च 2020 सुबह 3:03 बजे
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 9 मार्च 2020 रात 11:14 बजे
होलिका दहन का महत्व
होली दहन पर लोग होलिका को जलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत हासिल करते हैं. हिंदू शास्त्रों के अनुमान मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने होलिका को आग में जलाकर अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी, इसलिए खुशी में होली का त्योहार मनाया जाता है. इस मान्यता के अनुसार छोटी होली के दिन लोग कुछ लकड़ियां इकठ्ठा करके उन्हें अच्छे से लगाकर होलिका मानते हुए जलाया जाता है. होलिका दहन के साथ ही उसके भाई हिरण्य कश्यप की मौत को भी सेलिब्रेट किया जाता है.