Holi 2018 : आज देशभर में होलिका पूजा का त्यौहार मनाया जा रहा है. होलिका पूजा के दिन भद्रा काल भी लग रहा है. भद्रा के समय शुभ काम व पूजा पाठ नहीं की जाती. इसीलिए इस बार शुभ मुहूर्त को देखकर ही होलिका पूजा करें.
नई दिल्ली. आज देशभर में होलिका दहन का त्यौहार मनाया जा रहा है. इस दिन व्रत व पूजा कर अपने घर व परिवार की सुख शांति की कामना की जाती है. 1 मार्च को सुबह 8 बजे से पूर्णिमा तिथि शुरू हो जाएगी, साथ ही इस दिन भ्रद्रा भी लग रही है. भद्रा में पूजा करना शुभ नहीं माना जाता है. इस वर्ष होलिका की पूजा भद्र के खत्म हो जाने के बाद शुरू होगी.
आज पूर्णिमा भी है. गुरुवार की सुबह 7:53 बजे से शुक्रवार की सुबह 6 बजे तक है. जबकि भद्रा बृहस्पतिवार शाम 6:58 बजे के बाद ही खत्म होगी. ऐसे में होलिका पूजा के लिए इस मुहूर्त में पूजा नहीं की जाएगी. भद्रा के खत्म होने के बाद यानि शाम सात बजे के बाद ही होलिका दहन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है. ये करीब 22 घंटों तक रहेगा. इसके बाद होली का त्यौहार आरंभ हो जाएगा. होली 2 मार्च को है.
इस वर्ष होलिका की पूजा शाम 7 बजे के बाद ही करें. वैसे भी कहा जाता है कि होलिका पूजन में डुंडिका देवी का पूजन सूर्यास्त के पश्चात ही करना चाहिए. पूजा के दौरान गोबर के उपले, नए अनाज की बालियां, हल्दी, चावल आदि चढ़ाना चाहिए. इसके साथ ही होली की पूजा के लिए रोली, कच्चा सूत, चावल, पुष्प, साबुत हल्दी, बतासे, श्रीफल और पूजा थाली में घी का दीपक भी रख लें. इसके बाद होली पूजन स्थल पर पहुंच करके मंत्र या पूजन करें. ध्यान रहें होलिका स्थल से राख जरूर लाएं और इस राख को घर की तिजोरी या पैसे रख दें. ऐसा करने से बरकत और सुख शांति आती है.
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