Holashtak 2019: होली से कुछ दिनों पहले का समय शुभ नहीं माना जाता है कि क्योंकि इस दौरान राजा हिरण्यकश्यप ने नारायण भक्त प्रह्लाद को काफी ज्यादा कष्ट पहुंचाए थे. इस समय को होलाष्टक कहा जाता है. होलाष्टक के दौरान किसी भी तरह का कोई शुभ कार्य भूलकर भी न करें.
नई दिल्ली. हिंदू धर्म की मान्यता के मुताबिक होली के कुछ दिन पहले का समय को शुभ नहीं माना गया है. इस अशुभ समय को होलाष्टक कहा गया है. इस बार होलाष्टक 2019 की शुरूआत 13 मार्च से हो जाएगी और 20 मार्च तक रहेगी. और होलिका दहन के साथ समाप्ट हो जाएगा. होली से पूर्व के इस अशुभ समय में किसी भी तरह के शुभ कार्य को मनाही की गई है. कहा गया है कि इस समय में भूलकर भी व्यक्ति को शुभ कार्य नहीं करने चाहिए, वरना उसका नतीजा खतरनाक हो सकता है.
होलाष्टक को क्यों माना जाता है अशुभ
हिंदू धर्म के अनुसार, राजा हिरण्यकश्यप ने नारायण भक्ती में लीन प्रह्लाद की भक्ती को देखकर क्रोधित हो गए और होली से पहले 8 दिनों तक प्रह्लाद को कई तरह के कष्ट दिए हैं. उसी समय से इन 8 दिनों को हिंदू धर्म में अशुभ माना जात है.
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इन 8 दिनों ग्रह अपने स्थान में बदलाव करते हैं. इसी वजह से ग्रहों के चलते होलाष्टक समय में किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है. ज्योतिष शास्त्र में माना गया है कि इस दौरान शुभ कार्य करने से व्यक्ति के जीवन में कष्ट, पीड़ा का प्रवेश होता है. जैसे इस समय अगर विवाह कर लिया जाए तो भविष्य में कलह का शिकार या संबंधों में टूट पड़ सकती है.
क्या करें और क्या ना करें
भगवान की कृपा पाने के लिए होलाष्टक पर व्रत करना बताया गया है. अगर वह नहीं कर सकते तो अपनी इच्छा के अनुसार दान करें, इसमें वस्त्र या अनाज या धन भी दे सकते हैं. वहीं अशुभ समय में शादी, गृह प्रवेश, निर्माण, नामकरण आदि शुभ कार्यों को भूलकर भी न करें. साथ ही किसी भी तरह के नए कार्यों को शुरू न करें.