नई दिल्ली, हिंदू पंचांग के मुताबिक, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का पर्व पड़ता है. शास्त्रों के अनुसार, हरतालिका तीज को सबसे बड़ी तीज माना जाता है, वैसे हरतालिका तीज से पहले हरियाली और कजरी तीज भी मनाई जाती है. हरतालिका तीज में भगवान शिव और माता पार्वती की […]
नई दिल्ली, हिंदू पंचांग के मुताबिक, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का पर्व पड़ता है. शास्त्रों के अनुसार, हरतालिका तीज को सबसे बड़ी तीज माना जाता है, वैसे हरतालिका तीज से पहले हरियाली और कजरी तीज भी मनाई जाती है. हरतालिका तीज में भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है और सुहागिन महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं.
मान्यता है कि इस व्रत को रखने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है, ऐसे में इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला और निराहार व्रत रखकर पति की लंबी आयु के लिए उपवास रखती हैं. हरतालिका तीज व्रत को सुहागिनों के अलावा कुंवारी कन्याएं भी रखती हैं. मान्यता है कि इस व्रत के पुण्य प्रभाव से कुंवारी कन्याओं को भगवान शिव जैसी वर की प्राप्ति होती है. आइए आपको बताते हैं कि हरतालिका तीज के दिन आपको क्या नहीं करना चाहिए:
हरतालिका तीज के व्रत में हरे रंग का विशेष महत्व होता है क्योंकि यह अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. व्रत में महिलाएं हरे रंग की चूड़ी, बिंदी, हरी साड़ी और अन्य श्रृंगार सामग्री में हरे रंग का ज्यादा इस्तेमाल करती हैं इसलिए इस दिन भूलकर भी काले और सफेद रंग के कपड़े ना पहनें. इस रंग के कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है.
हरतालिका तीज के दिन आपको काली चूड़ियां भूलकर भी नहीं पहननी चाहिए.
हरतालिका तीज का व्रत आप अपने पति की लम्बी उम्र के लिए रखती हैं तो इस दिन भूलकर भी अपने पति पर क्रोध न करें और उनसे झगड़ा भी न करें.
हरतालिका तीज पर सुहागन महिलाएं अपने पति के लंबी आयु के लिए और कुंवारी कन्याएं अच्छा वर पाने के लिए निर्जला व्रत रखती हैं, इसलिए हरतालिका तीज के व्रत में भूलकर भी जल या दूध का सेवन ना करें.