Hariyali Amavasya 2019 Date: कब है हरियाली अमावस्या 2019, जानिए पूजा विधि, समय और महत्व

Hariyali Amavasya 2019 Date: भगवान शिव शंकर भोलेनाथ के पवित्र मास सावन की शुरुआत होने के साथ कांवड़ यात्रा भी शुरू हो गई है. इस पावन माह में हरियाली अमावस्या अगस्त के पहले सप्ताह में पड़ रही है. सबसे खास बात है कि हरियाली अमावस्या 2019 पर पंच महायोग का संयोग बन रहा है. इस दौरान पौधारोपण शुभ बताया गया है.

Advertisement
Hariyali Amavasya 2019 Date: कब है हरियाली अमावस्या 2019, जानिए पूजा विधि, समय और महत्व

Aanchal Pandey

  • July 23, 2019 1:17 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. शिव जी के पावन माह सावन की शुरुआत 17 जुलाई से हो चुकी है. कावंड़ियां की पवित्र कांवड़ यात्रा भी शुरू हो चुकी है. सावन मास में हरियाली अमावस्या गुरुवार 1 अगस्त 2019 पड़ रही है. खास बात है कि इस मौके पर पंच महायोग का संयोग भी बन रहा है. पंच महायोग का यह संयोग 125 सालों बाद बन रहा है. इस दिन सिद्धि योग, शुभ योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का संयोग है. इस संयोग में सभी देवी-देवाताओं और विशेष तौर पर मां पार्वती की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन पूजा करने वाले व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी और मनोवंछित फल की प्राप्ति होगी.

31 जुलाई सुबह 11 बजकर 57 मिनट से अमावस्या तिथि की शुरुआत हो जाएगी जो 1 अगस्त को सुबह 8 बजकर 41 मिनट तक रहेगी. इस दिन पौधारोपण का खास महत्व बताया गया है. दरअसल मान्यता है कि वृक्षों में देवी-देवताओं को वास होता है इसलिए इस दिन पौधा लगाना शुभ माना गया है. इसके साथ ही हरियाली अमावस्या पर पितरों को भी प्रसन्न किया जाता है. इससे पितृ दोष से व्यक्ति मुक्त होता है. इसके लिए व्यक्ति को इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद पंडित से पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान औऱ श्रद्धाकर्म करें. वहीं इस दिन नदी किनारे दीपदान का भी विशेष महत्व बताया गया है. कहा जाता है कि ऐसा करने से पितृदोष को मुक्ति मिलती है.

हरियाली अमावस्या पर दोपहर 12 बजे से पहले पीपल के पेड़ की 21 परिक्रमा करते हुए शिवलिंग पर जल अर्पित करें. साथ ही मौली के फेरे बांधें. सूर्य छुपने से पहले पीपल के पेड़ के नीचे आटे से पांच दीपक बनाकर जलाएं, इससे आर्थिक संकट दूर होंगे. सर्पदोष और शनि प्रभाव को कम करने के लिए इस दिन शिवलिंग पर जल और पुष्पों को अर्पित करें. किसी तरह के रोग से छुटकारा पाने के लिए नीम का पेड़, सुख प्राप्ति के लिए तुलसी का पौध, संतान प्राप्ति के लिए केले और धन संपदा के लिए आंवले का पौध लगाएं.

Nag Panchami 2019: जानें कब है नाग पंचमी, किस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, साथ ही जानिए महत्व और पूजन विधि

Tulasi Vivah 2019 Date Calendar: तुलसी विवाह कब है, तुलसी विवाह पूजा विधि, समय और व्रत कथा के बारे में जानिए

Tags

Advertisement