Haridwar Kumbh Mela 2021: हर 12 साल बाद लगने वाले कुंभ में प्रमुख और पवित्र तिथियों को स्नान का शुभ मुहूर्त माना जाता है. इस साल भी पवित्र और प्रमुख तिथियों पर स्नान किया जाएगा. अगर आप भी कुंभ आने की सोच रहे हैं तो उससे पहले इन सभी तिथियों के बारे में जान लें.
नई दिल्ली : महाकुंभ 2021 का आगाज कल यानी 14 जनवरी से हो गया है. मकर संक्रांति के दिन कुंभ का पहला स्नान पूरा हो गया है. इस साल 14 अप्रैल को मेष राशि में सूर्य और कुंभ राशि में गुरु के होने से हरिद्वार में कुंभ का आयोजन किया गया है. कोरोना के चलते सुरक्षा के सभी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. हालांकि यह कुंभ साल 2022 में लगने वाला था, लेकिन राशियों के चलते साल 2021 में ही महाकुंभ का आगाज करना पड़ा. हर 12 साल बाद लगने वाले कुंभ में प्रमुख और पवित्र तिथियों को स्नान का शुभ मुहूर्त माना जाता है. इस साल भी पवित्र और प्रमुख तिथियों पर स्नान किया जाएगा. अगर आप भी कुंभ आने की सोच रहे हैं तो उससे पहले इन सभी तिथियों के बारे में जान लें.
1. मकर संक्रांति 14 जनवरी गुरुवार
2. पौष पूर्णिमा 28 जनवरी गुरुवार
3. मौनी अमावस्या 11 फरवरी गुरुवार
4. फाल्गुन संक्रांति 12 फरवरी, शुक्रवार
5. वसंत पंचमी 16 ,फरवरी, मंगलवार
6. आरोग्य रथ सप्तमी 19 फरवरी, शुक्रवार
7. भीमाष्टमी 20 फरवरी, शनिवार
8. माघी पूर्णिमा 27 फरवरी, शनिवार
9. महाशिवरात्रि 11 मार्च गुरुवार, पहला शाही स्नान
10. फाल्गुन शनैश्र्चरी अमावास्या 13 मार्च, शनिवार
11. चैत्र संक्रांति 14 मार्च, रविवार
12. महाविषुव दिवस 20 मार्च शनिवार
13. वारुणी पर्व 9 अप्रैल शुक्रवार.
14. चैत्र अमावस्या 12 अप्रैल (सोमवती अमावस्या) दूसरा शाही स्नान
15. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 13 अप्रैल मंगलवार
16. मेष संक्रांति पुण्यकाल 14 अप्रैल बुधवार , तीसरा शाही स्नान
17. श्रीरामनवमी 21 अप्रैल, बुधवार
18. चैत्र पूर्णिमा 27 अप्रैल, मंगलवार (अंतिम शाही स्नान)
19. वैशाख भौमवती अमावस्या 11 मई
20. अक्षय तृतीया परशुराम जयंती 14 मई शुक्रवार
21. ज्येष्ठ संक्रांति 14 मई शुक्रवार
22. आद्य गुरु शंकराचार्य जयंती 17 मई सोमवार
23. श्रीगंगा जयंती 18 मई मंगलवार
24 वैशाख पूर्णिमा 26 मई बुधवार (कुंभ का अंतिम स्नान)
बता दें कि 14 जनवरी को शुरू होने वाला कुंभ 26 मई को समाप्त हो जाएगा. मना जाता है कि कुंभ मेले के दौरान गंगा में स्नान करने से सभी पाप और रोगों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष प्राप्त होता हैं. इस वजह से हर साल कुंभ में लाखों लोग डूबकी लगाने आते हैं.
Haridwar Kumbh Mela 2021: जानिए क्या वजह रही 83 साल बाद 11 साल में आयोजित हुआ महाकुंभ